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ये है भारत के 5 सबसे आमिर गांव, हर व्यक्ति है करोड़ों का मालिक

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1. धर्माज (आनंद, गुजरात ) :

गुजरात के आणंद जिले का धर्माज गांव आज भारत के धनी गांवों में शामिल है। इस गांव की आबादी लगभग 11000 है। इस गांव के ज्यादातर लोग विदेशों में बिजनेस करते हैं। इस गांव में कुल 13 बैंक हैं। यह गांव पढ़ाई के मामले में पहले से बहुत आगे आगे निकल चुका है। यहाँ के लोगो की जिंदगी किसी राजा महाराजा से कम नहीं है। गांव के 1,700 परिवारों के सदस्य ब्रिटेन में रहते हैं, जबकि 300 के परिवार अमेरिका में, 160 के न्यूजीलैंड में, 200 के कनाडा में और 60 परिवारों के सदस्य ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं। कुल मिलाकर यहां 3,120 परिवार विदेश में रहते हैं और झोली भर भरकर गाँव में पैसा भेजते हैं।

2. माधोपट्टी (जौनपुर, उत्तर प्रदेश) :

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में सिरकोनी ब्लाक के इस गांव की कहानी आपको बहुत पसंद आएगी. कहते हैं कि इस गांव में सिर्फ आईएएस और आईपीएस ही पैदा होते हैं। पूरे जौनपुर में ये गांव अफसरों वाले गांव के नाम से जाना जाता है। 75 घर वाले इस गांव के आईएएस , आईपीएस , पीसीएस समेत कुल 47 अफसर देश के अलग-अलग राज्यों में सेवा कर रहे हैं। इस गांव के कुछ लोग वैज्ञानिक तो कुछ लोग भाभा और विश्व बैंक तक में काम करते हैं।

3. माधापुर (कच्छ, गुजरात) :

राजस्थान के नागौर जिले का बेरी गांव सबसे अमीर गांव माना जाता है। इस गांव में लगभग 10,000 लोग रहते हैं। इस गांव में करीब 200 से ज्यादा लोग भारतीय सेना में देश की सेवा कर रहे हैं। इस गांव में हर दूसरे घर से एक आदमी सेना में भर्ती है। भाभा परमाणु संस्थान के जाने माने वैज्ञानिक खान मोहम्मद खान इसी गांव के निवासी हैं। इस गांव में राजस्थान की पहली मुस्लिम महिला आईपीएस है।

4. मड़ावग (शिमला, हिमाचल प्रदेश) :

हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले की चौपाल तहसील में बसा मड़ावग गांव खेती के लिए जाना जाता है। इस गांव की ज्यादातर आमदनी का जरिया खेती ही है। गांव के किसानों ने अपनी मेहनत और लगन से इस गांव को एशिया का सबसे अमीर गांव बना दिया। इस गांव के सभी किसान सेब की खेती करते हैं और इस गांव के ज्यादातर सेब विदेशों में इस्तेमाल किए जाते हैं। गांव के किसान अपनी खेती में कई तरह के टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं। इंटरनेट के जरिये भी किसान जुड़े रहते हैं। इससे बाजार भाव के अनुसार ही वे सेब बेचते हैं इन किसानों की सेब से होने वाली कमाई अरबों रुपये में होती है।

5. हिवेरा बाजार गाँव (अहमदनगर, महाराष्ट्र) :

महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले का यह गांव हिवेरा बाजार कभी बहुत गरीब हुआ करता था। इस गांव के युवाओं ने खेती के तरीके में नई तकनीक का इस्तेमाल किया और धीरे धीरे गांव में ही जैविक खेती का सफल प्रयोग कर डाला। उसके बाद गांव के युवकों ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा उनके जोश और लगन से आज उस गांव का नक्शा ही बदल गया। आज इस गांव में 80 किसान करोड़पति हो चुके हैं और गांव की पहचान करोड़पतियों किसानों वाले गांव के रूप में हो गई है। कभी दाने-दाने के लिए मोहताज रहने वाला यह गांव आज करोड़पति हो गया है और देशभर के किसानों का रोल मॉडल बन गया है।