मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के अवसर पर उन्हें नमन करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किए हैं। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रपिता को याद करने, श्रद्धासुमन अर्पित करने और नमन करने से हमारा काम खत्म नहीं होता बल्कि यहां से हमारा काम शुरू होता है। श्री बघेल ने कहा कि गांधीजी के दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए ग्राम स्वराज के लक्ष्य को साधने के लिए हमने ग्राम सुराजी योजना शुरू की है और नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी को नये रूप में विकसित करने का काम शुरू किया है। मुख्यमंत्री सुपोषण योजना और सार्वभौम पीडीएस से हमने तय किया है कि न कोई भूखे पेट सोने को मजबूर हो और न ही पोषण युक्त आहार से वंचित रहे। हमने कुपोषण के खिलाफ निर्णायक जंग का ऐलान किया है जो गांधीवादी सत्याग्रह की राह पर चलेगी। गांधी जी ने सबकी अच्छी सेहत के लिए कई प्रयोग किए इसलिए हमने सार्वभौम स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिता दी है। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना, मुख्यमंत्री शहरी श्रम स्वास्थ्य योजना के माध्यम से हम अंतिम व्यक्ति तक पहुंचेंगे। महात्मा गांधी की करूणा को हमने सरकार का मूलमंत्र बनाया है।
श्री बघेल ने महात्मा गांधी के छत्तीसगढ़ प्रवास को याद करते हुए कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान छत्तीसगढ़ में उनके कंडेल आने की खबर ने ही किसानों को जीत दिला दी। छत्तीसगढ़ में अछूतोद्यार यात्रा के लिए गांधीजी का छत्तीसगढ़ आना और गंजडबरी के सतनामी आश्रम, रायपुर के जैतूसाव मठ में गांधी जी द्वारा की गई सभा, बिलासपुर के बैतलपुर के कुष्ठ आश्रम में महात्मा गांधी की यादें आज भी जीवंत हैं। गांधीजी के छत्तीसगढ़ आगमन ने महिलाओं, विद्यार्थियों, सफाई कर्मचारियों सहित सभी नागरिकों को देश प्रेम के नये जोश और ऊर्जा से भर दिया और प्रदेश में सत्य-अहिंसा, समरसता और सांप्रदायिक सद्भाव की अलख जगायी। श्री बघेल ने कहा कि हम सब मिलकर गांधीजी के सपने को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे और उनके पदचिन्हों पर चलते हुए ‘नया छत्तीसगढ़‘ गढ़ेंगे।