Home छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ : मोबाइल टावर लगाने के नाम पर तीन लाख की धोखाधड़ी

छत्तीसगढ़ : मोबाइल टावर लगाने के नाम पर तीन लाख की धोखाधड़ी

48
0

मोबाइल टावर लगाने का सब्जबाग दिखाकर तीन लाख की धोखधड़ी किए जाने के एक साल पुराने मामले में पुलिस ने कार्रवाई की है। खाली जमीन पर एक बार टावर लगने के बाद हमेशा किराया बतौर मोटी रकम मिलने का झांसा दिया, उसके बाद आरोपित ने मोबाइल नहीं उठाया।

दीपका कॉलोनी में निवासरत उपेंद्र कुमार चंद्रा (47) को वर्ष 2018 में एयरटेल कंपनी के टावर लगाने के लिए एक अज्ञात व्यक्ति ने दो अलग-अलग मोबाइल नंबर से फोन करके उसके गृहग्राम जैजेपुर स्थित पैतृक जमीन में सब्जबाग दिखाकर अच्छी कमाई होने की बात कहते हुए उससे तीन लाख रुपये अपने बताए गए खाते में ट्रांसफर करवा लिया। इसके बाद मोबाइल फोन करने वाला एयरटेल कंपनी का मैनेजर बताने वाले व्यक्ति ने अपने मोबाइल नंबर को बंद कर दिया। चंद्रा के बार-बार फोन किए जाने पर उसे कोई रिस्पांस नहीं दिया गया। इस तरह एक वर्ष तक ठग से फोन में संपर्क करने में वह नाकाम रहा। उपेंद्र ने एसपी जितेंद्र सिंह मीणा को इस मामले में आवश्यक कार्रवाई किए जाने हेतु आवेदन दिया था। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी मीणा ने दीपका पुलिस को कार्रवाई हेतु निर्देश जारी किया था। एसपी के आदेश पर दीपका पुलिस अज्ञात एयरटेल कंपनी के टावर लगाने वाले आरोपित के विरुद्ध धारा 420 के तहत धोखाधड़ी का जुर्म दर्ज कर मामले की विवेचना कर रही है।

एटीएम का कोड नंबर जान निकाला 32 हजार

दर्री थाना क्षेत्र के सिंचाई कॉलोनी स्थित मकान नंबर एच-20 में रहने वाले सुधीर कुमार कौशिक पिता डीआर कौशिक सिंचाई विभाग में काम करता है। 17 अक्टूबर को उसके पास अज्ञात नंबर से कॉल आया। उससे कहा गया कि एटीएम की सुविधा जारी रखने के लिए उसका कोड नंबर बताइए। सिंचाई कर्मी ठगराज के झांसे में आकर पिन नंबर अज्ञात व्यक्ति को शेयर कर दिया। इसके कुछ देर बाद ही एसबीआइ की रामपुर शाखा में संचालित खाते से 32 हजार 874 रुपये कट गए। इसकी जानकारी उसे मोबाइल पर मैसेज आने से हुई। उसने तत्काल कार्ड ब्लॉक करवाया और इसकी जानकारी दर्री पुलिस को दी। पुलिस ने अज्ञात ठग के खिलाफ धारा 420 के तहत मामला पंजीबद्ध किया है। इससे पहले भी एटीएम ठगी के मामले सामने आ चुके है। पुलिस बार-बार लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रही है, ताकि कोई भी अपने एटीएम कार्ड से संबंधित जानकारी किसी को न दें। बावजूद लोग अभी भी ठगराजों के झांसे में आकर ठगी का शिकार हो रहे हैं।