नकली जीरा ही नहीं बल्कि नकली दूध के जरिए भी आपके सेहत के साथ खिलवाड़ होता है। अक्सर आपको भैंस या गाय के असली दूध के नाम पर मिलावटी व नकली दूध दे दिया जाता है और आप लंबे वक्त तक यह बात जान भी नहीं पाते हैं। त्योहारों के वक्त तो गांवों के साथ ही बड़े शहरों और कस्बों में भी नकली एंव मिलावटी दूध का कारोबार खूब फलता-फूलता है। पुलिस डिटर्जेंट से बने हजारों लीटर नकली दूध को बरामद करती है। हालांकि थोड़ी-सी सावधानी बरतने पर आप आसानी से यह पता कर सकते हैं कि आपके घर में आने वाला भैंस व गाय का दूध असली है या नकली..। या फिर आपका दूधिया इसमें मिलावट तो नहीं कर रहा।
दरअसल दिल्ली के बवाना थाना पुलिस ने फूल झाड़ू के चूरे से नकली जीरा बनाने वाली फैक्ट्री का पर्दाफाश किया। फैक्ट्री से तकरीबन बीस हजार किलो नकली जीरा और 8075 किलो कच्चा पदार्थ बरामद किया गया। पुलिस के मुताबिक आरोपी फूल झाड़ू के चूरे में गुड़ का शीरा और पत्थर का पाउडर मिलाकर नकली जीरा तैयार करते थे। इस तरह आपके घरों तक नकली जीरा परोसा जा रहा था और आप इसे असली समझकर सब्जी में छोंक लगा रहे थे। आगे जानिए कैसे होती है नकली दूध की पहचान..
दूध पीने से पहले आपके जेहन में यह ख्याल आना लाजमी है कि कहीं ये नकली तो नहीं है। क्योंकि कई बार डेयरी का असली दूध के नाम पर आपको नकली दूध बेचा जाता है। यह सिंथेटिक दूध होता है जिसे आप स्वाद के जरिए नहीं पहचान सकते हैं। इसके लिए आपको आपके घर में आने वाले भैंस और गाय के असली दूध में पानी की मात्रा मिलानी होगी। आप थोड़ा पानी लें और उतना ही दूध लें और दोनों को मिला लें।
इसके बाद बर्तन में रखे पानी और दूध के मिश्रण को हिलाएं। अगर दूध में डिटर्जेंट होगा तो झाग नजर आएगा। अगर आप झाग में आने वाले बुलबुलों को लाइट के सामने ले जाएंगे तो इन बुलबुलों आपको रंग भी नजर आएंगे। अगर ऐसा हो रहा है तो समझिए आपको परोसे जा रहे असली दूध में डिटर्जेंट मिला हुआ है। आइए जानते हैं नकली दूध का पता लगाने के और तरीके..
दरअसल, सिंथेटिक दूध बनाने के लिए उसमें यूरिया मिलाया जाता है और उसे हल्की आंच पर उबाला जाता है। इसके बाद इसमें डिटर्जेंट, सोडा स्टार्च, फॉरेमैलिन और वाशिंग पाउडर मिलाया जाता है। ऊपर से थोड़ा असली दूध मिला दिया जाता है और उसके बाद बेच दिया जाता है। लेकिन अगर आपके घर का दूध कुछ देर बाद पीला पड़ जाता है तो समझिए यह असली नहीं बल्कि नकली है। असली दूध कभी भी रखे रहने पर रंग नहीं बदलता है। जबकि नकली दूध गहरा पीला होने लगता है।
अगर आपके असली दूध में यूरिया है तब भी वो हल्के पीले रंग का दिखाई देगा। कई बार दूध में यूरिया की मिलावट करके भी आपको बेचा जाता है। वहीं अगर सिंथेटिक दूध में यूरिया मिलाया जाए तो ये गाढ़े पीले रंग का दिखने लगता है।असली दूध को हाथों के बीच रगड़ने पर कोई चिकनाहट महसूस नहीं होती। नकली दूध को अगर आप अपने हाथों के बीच रगड़ेंगे तो आपको डिटर्जेंट जैसी चिकनाहट महसूस होगी।
आप कई तरह से नकली और असली दूध की पहचान कर सकते हैं। दूध में पानी मिलाकर उसकी कुछ बूंदे पत्थर या लकड़ी पर गिराएं। अगर दूध बहकर नीचे की तरफ गिरे और सफेद निशान बन जाए तो दूध पूरी तरह से शुद्ध है। इसके अलावा आप सूंघकर भी नकली दूध की पहचान कर सकते हैं। अगर आपके घर आने वाला दूध नकली है तो उसमें साबून की तरह गंध आएगी। जबकि असली दूध में इस तरह की गंध नहीं आती है। असली दूध को उबालने पर उसका रंग बिल्कुल नहीं बदलेगा, लेकिन नकली दूध का रंग उबलने पर पीला हो जाएगा।