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सैफअली खान : जिस तरह से देश आगे बढ़ रहा है उससे साफ है कि सेक्युलरिज्म का नामो निशान मिट जाएगा…

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बॉलीवुड की तमाम शख्सियतें राजनीतिक मुद्दों पर खुल के अपने विचार रखते रहे हैं. देश में नागरिकता कानून के विरोध और समर्थन में भी बॉलीवुड से जुड़ी कई शख्सियतों ने अपने विचार रखे. हालांकि सैफ अली खान अबतक इन सवालों से बचते दिखे, लेकिन अब सैफ ने भी देश की मौजूदा हालत पर अपने विचार लोगों के सामने रखे.

दरअसल अपनी फिल्म तानाजी के प्रोमोशन के दौरान सैफ ने एक इंटरव्यू में कहा कि उन्हें ये देख कर बड़ा दुख होता है कि देश के लोग गलत रवैया अपना रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि हमें भाईचारे के रास्ते से अलग किया जा रहा है. सैफ अली खान ने कहा कि जिस तरह से देश आगे बढ़ रहा है उससे ये साफ हो रहा है कि देश से सेक्युलरिज्म का नामो निशान मिट जाएगा.

एक्टर की राय का उसकी फिल्म पर पड़ सकता है असर

सैफ का मानना है कि देश के लोग कई चीजों पर स्टैंड नहीं ले रहे हैं. उनका कहना है कि अगर लोग किसी चीज का विरोध कर रहे हैं तो उन्हें पीटा जा रहा है. वहीं सैफ के मुताबिक जब कोई एक्टर स्टैंड लेता है तो इसका प्रभाव उसकी फिल्म पर पड़ सकता है. इसलिए उनका कहना है कि ऐसे मुद्दों पर अपनी राय जाहिर न करना ही सही है.

मालूम हो कि सैफ की फिल्म तानाजी में वह नेगेटिव किरदार अदा कर रहे हैं. हालांकि उनके इस किरदार की जमकर तारीफ हो रही है और उनके अभिनय की तुलना पद्मावत फिल्म के अलाउद्दीन खिलजी से की जा रही है, जिसका अभिनय रणवीर सिंह ने अदा किया था.

फिल्म पर भी उठने लगे सवाल

‘तानाजी: द अनसंग वॉरियर’ फिल्म पर भी ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ का आरोप लगने लगा है. यह आरोप खुद सैफ ने लगाया है. उनका कहना है कि उन्हें उदयभान राठौर का किरदार बहुत आकर्षक लगा था इसलिए वह यह फिल्म छोड़ नहीं पाए. हालांकि उनका मानना है कि इसमें पॉलिटिकल नैरेटिव बदला गया है और वो खतरनाक है.

सैफ ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘कुछ वजहों से मैं कोई स्टैंड नहीं ले पाया, शायद अगली बार ले सकूं. मुझे ये किरदार काफी आकर्षक लगा इसलिए मैं इस किरदार को लेकर बहुत उत्साहित था, लेकिन यह कोई इतिहास नहीं है. इतिहास क्या है इसके बारे में मुझे बखूबी पता है.