जहां एक तरफ पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का कहर बरकरार है. तो वहीं इसी बीच जिब्राल्टर (Gibralter) पहला ऐसा देश बन गया है जहां पूरी वयस्क आबादी को वैक्सीन (Vaccine) लगा दी गई है. ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने गुरुवार को बताया कि इस ब्रिटिश क्षेत्र ने बुधवार को यह उपलब्धि हासिल की. जिब्राल्टर की आबादी महज 33,000 है. यहां 4,263 कोरोना मरीज मिले थे जबकि 94 की मौत हो गई थी. मैक हैनकॉक ने हाउस ऑफ कॉमन्स में इस बारे में बताया, ‘मुझे यह बताते हुए काफी खुशी हो रही है कि कल (बुधवार) जिब्राल्टर दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जिसने अपनी पूरी वयस्क आबादी के साथ वैक्सीनेशन प्रोग्राम पूरा कर लिया है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘मैं इस संकट के समय में सभी जिब्राल्टर नागरिकों के धैर्य और साहस की तारीफ करता हूं.’
स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा, ‘मैं इससे सहमत हूं कि टीकाकरण कार्यक्रम ब्रिटिश फैमिली ऑफ नेशंस की टीम भावना की बदौलत सफल रहा है.’ चीफ मिनिस्टर फैबियन पिकार्डो ने टीकाकरण अभियान के लिए यूनाइटेड किंगडम सरकार का आभार व्यक्त किया. जिब्राल्टर की सफलता उस वक्त सामने आई है जब स्पेन और यूरोपीय देशों में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को लेकर उथल-पुथल है. हालांकि यूरोपीय यूनियन की ड्रग एडमिसिस्ट्रेटिव संस्था यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) ने एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन को सुरक्षित बताया है. इसके बाद इटली, फ्रांस समेत कई देशों ने इसका इस्तेमाल शुरू कर दिया है.
एजेंसी ने बताया कि उसकी शुरुआती जांच में वैक्सीन के प्रभाव से रक्त जमने के कोई संकेत नहीं मिले है. जिसके बाद माना जा रहा है कि यूरोप के 18 देश इस वैक्सीन पर लगाए गए अपने प्रतिबंधों को जल्द खत्म कर सकते हैं. पहले दावा किया गया था कि इस वैक्सीन को लगवाने वाले लोगों के शरीर में खून के थक्के जम रहे हैं.