सीबीएसई ने कोरोना के कारण परीक्षा रद्द करने के बाद 10वीं के करीब 18 लाख छात्रों को पास करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. छात्रों के मूल्यांकन के लिए सीबीएसई ने सभी स्कूलों से सुझाव मांगे हैं. ज्यादातर स्कूल संचालकों ने अपने सुझाव बोर्ड को भेज दिए हैं. अपने सुझावों में स्कूलों ने आंतरिक परीक्षा और सालाना परफॉर्मेंस को महत्व दिया है. अधिकांश स्कूल इस तरह से छात्रों को प्रमोट करने पर सहमत हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि 10वीं के छात्रों को अंतरिक मूल्यांकन और सालाना परफॉर्मेंस के आधार पर 11वीं में प्रमोट किया जाए सकता है.
इससे पहले 10वीं की परीक्षाएं रद्द करने को लेकर 14 अप्रैल को
हुई बैठक के बाद शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने छात्रों को प्रमोट करने के तरीके के बारे में जानकारी दी थी. उन्होंने बताया था कि 10वीं के रिजल्ट इंटरनल असेसमेंट के आधार पर तैयार किए जाएंगे. अगर कोई विद्यार्थी अपने रिजल्ट से संतुष्ट नहीं होता है, तो परीक्षा कराने की अनुकूल स्थिति में उसे परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाएगा.
पिछले साल इस तरह हुए थे पास
पिछले भी कोरोना की वजह से 10वीं और 12वीं के कई पेपर नहीं हो सकते थे. 10वीं और 12वीं के कुल 83 विषयों के पेपरों में से 29 मुख्य विषयों की ही परीक्षाएं ली गई थीं. शेष 54 विषयों का मूल्यांकन ग्रेडिंग के जरिए किया गया था. इसमें इंटरनल असेसमेंट, प्रोजेक्ट वर्क और असाइनमेंट वर्क के आधार पर छात्रों को अंक दिए गए थे.