भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व में भारतीय बैंकों के एक कंसोर्टियम ने शुक्रवार को लंदन हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान शराब कारोबारी विजय माल्या को दिवालिया घोषित किए जाने के लिए पुरजोर पैरवी की. माल्या पर बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के लिए गए हजारों करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है.
मुख्य दिवालिया एवं कंपनी अदालत (आईसीसी) में न्यायाधीश माइकल ब्रिग्स के समक्ष एक आभासी सुनवाई में दोनों पक्षों ने पिछले साल दायर दिवालिया याचिका में संशोधन के बाद मामले में अपनी अंतिम दलीलें दीं. एसबीआई के अलावा बैंकों के इस समूह में बैंक ऑफ बड़ौदा, कॉरपोरेशन बैंक, फेडरल बैंक लिमिटेड, आईडीबीआई बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, जम्मू एंड कश्मीर बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और जेएम फाइनेंशियल एसेट रिकंसट्रक्शन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं. जज ब्रिग्स ने कहा कि वह अब विवरणों पर विचार करेंगे और आने वाले हफ्तों में उचित समय पर निर्णय देंगे.
बता दें कि माल्या अपनी दिवालिया किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़े 9,000 करोड़ रुपये के बैंक ऋण को जानबूझ कर न चुकाने के आरोपी हैं. बीते महीने केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में कहा था कि भगोड़े व्यवसायी विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी कानून का सामना करने के लिए ‘वापस भारत आ रहे हैं.’