महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ कथित रिश्वतखोरी मामले में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर ली है. मुंबई में 10 से ज्यादा जगहों पर सीबीआई की छापेमारी चल रही है. मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर वसूली के आरोप लगाकर हाई कोर्ट से सीबीआई जांच की मांग की थी. जिसके बाद पांच अप्रैल को हाई कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दे दिए थे.
आदेश देते हुए हाई कोर्ट ने कहा था कि राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर जो आरोप लगे हैं, वह बेहद गंभीर हैं. हाई कोर्ट ने कहा कि अनिल देशमुख महाराष्ट्र के गृहमंत्री है और इस वजह से इज़ मामले की जांच निष्पक्ष होनी चाहिए. हाईकोर्ट के आदेश के बाद अनिल देशमुख ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. अनिल देशमुख राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के कोटे से गृह मंत्री थे.
परमबीर सिंह ने क्या आरोप लगाए थे?
एंटीलिया केस और सचिन वाजे मामले में सरकार की अपेक्षा के अनुरूप नहीं निपटने के बाद परमबीर सिंह को 17 मार्च मुंबई पुलिस कमिश्नर पद से हटा दिया गया था. पद से हटाए जाने के बाद परमबीर सिंह ने 20 मार्च को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखी थी. चिट्ठी में उन्होंने दावा किया था कि देशमुख ने पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को बार और रेस्ट्रोरेंट से 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा था.
एंटीलिया केस में लगातार हुए नए-नए खुलासे
गौरतलब है कि देश के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास एंटीलिया के पास इसी साल 25 फरवरी को एक संदिग्ध कार मिली थी. इसमें जिलेटिन की 20 छड़ें बरामद हुई थीं. इस मामले की जांच शुरुआत में मुंबई पुलिस कर रही थी. लेकिन अब इस मामले की जांच एनआईए कर रही है. एनआईए ने 13 मार्च को सचिन वाजे को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद से इस केस में लगातार नए-नए खुलासे हो रहे हैं.