पहलगाम में निर्दोष निहत्थे हिन्दू पर्यटकों की हत्या का बदला लेने की तैयारी जोरशोर से चल रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सप्ताह में दूसरी बार कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक ली. इसमें दिग्गज मंत्रियों के साथ ही सेना के तीनों अंगों के चीफ ने हिस्सा लिया. छह साल से भी ज्यादा समय के बाद बुधवार 30 अप्रैल 2025 को सुपर कैबिनेट यानी कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स (CCPA) की बैठक भी हुई. CCPA की पिछली बैठक पुलवामा हमले के बाद यानी साल 2019 में हुई थी. इस बैठक के महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जाता है कि CCPA की मीटिंग होने के बाद 26 फरवरी 2019 को इंडियन एयरफोर्स ने बालाकोट पर एयर सर्जिकल स्ट्राइक की थी. CCPA की बैठक ऐसे समय में बुलाई गई है, जब पाकिस्तान के एक मंत्री ने कहा कि भारत अगले 24 से 36 घंटे में हमला कर सकता है. ऐसे में बैसरन घाटी हमले के बाद CCPA की बैठक को काफी अहम माना जा रहा है. पिछले उदाहरण को देखते हुए इस बार भी कुछ बड़ा होने की संभावना प्रबल लग रही है.
CCPA की पिछली बैठक साल 2019 में पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के बाद हुई थी. इस हमले में कम से कम 40 सीआरपीएफ जवान मारे गए थे. बैठक स्थिति की समीक्षा करने और इस कायरतापूर्ण हमले का जवाब देने की योजना बनाने के लिए आयोजित की गई थी. इसी बैठक में भारत ने पाकिस्तान के मोस्ट फेवर्ड नेशन ट्रेड का दर्जा खत्म करने का फैसला किया था. बैठक के कुछ दिनों बाद 26 फरवरी को इंडियन एयरफोर्स ने बालाकोट में आतंकवादी शिविरों पर हवाई हमला करके पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया था. इसके साथ ही पुलवामा के क्रूर आतंकवादी हमले का बदला लिया था. इसे देखते हुए पहलगाम अटैक के बाद CCPA की बैठक महत्वपूर्ण हो गई है. सभी की नजरें इस बैठक और इसके बाद उठाए जाने वाले कदमों पर टिकी हैं