भारत के सुप्रीम कोर्ट को नया मुख्य न्यायाधीश मिल गया है. शनिवार को न्यायमूर्ति एन वेंकट रमन्ना ने देश के 48वें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के तौर पर शपथ ली. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद की शपथ दिलाई. न्यायमूर्ति रमन्ना का शपथ ग्रहण कार्यक्रम राष्ट्रपति भवन में आयोजित हुआ. सीजेआई का यह कार्यक्रम काफी संक्षिप्त ही रहा.
समारोह में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद उपस्थित थे. न्यायमूर्ति रमन्ना ने ईश्वर को साक्षी मानकर अंग्रेजी में पद की शपथ ली. इससे पहले सीजेआई रहे जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े बीते शुक्रवार को पद से रिटायर हो गए हैं. खास बात है कि रमन्ना आंध्र प्रदेश कोर्ट के पहले जज होंगे, जिन्हें मुख्य न्यायाधीश की जिम्मेदारी दी गई है.
कौन हैं जस्टिस रमन्ना
सीजेआई के तौर पर जस्टिस रमन्ना का कार्यकाल 1 साल 4 महीनों का होगा. वे पद से 26 अगस्त 2022 को रिटायर होंगे. रमन्ना का जन्म 27 अगस्त 1957 को आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में हुआ था. कानूनी पारी खेलने से पहले उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक बड़े तेलुगू अखबार के साथ पत्रकार के तौर पर की थी. फरवरी 1983 में उन्होंने वकालत में एंट्री ली.
उन्हें 27 जून 2000 में हाईकोर्ट का स्थाई न्यायाधीश घोषित किया गया था. वे इस दौरान आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यकारी सीजेआई के तौर पर भी काम कर रहे थे. इसके बाद 2 सितंबर 2013 को वे दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने और 17 फरवरी 2014 को सुप्रीम कोर्ट में जज के रूप में पहुंचे. सुप्रीम कोर्ट के 7 साल के कार्यकाल में रमन्ना ने 156 फैसले दिए हैं.