जयपुर, तीन जुलाई राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुदरा तथा थोक व्यापार को सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के दायरे में लाने के केंद्र सरकार के फैसले के लिए उद्योग संगठनों को बधाई दी। गहलोत के अनुसार व्यापार संगठनों के निरंतर प्रयासों से ही यह संभव हुआ है।
गहलोत ने शनिवार को ट्वीट किया, ”मैं व्यापार संगठनों को उनके निरंतर प्रयास से केन्द्रीय सरकार द्वारा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के अंतर्गत खुदरा व थोक व्यापार के वर्गीकरण को पुनः पहचान दिलाने के लिए बधाई देता हूं।”
मुख्यमंत्री ने लिखा कि संप्रग सरकार ने खुदरा व थोक व्यापार को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विकास अधिनियम 2006 के तहत एमएसएमई क्षेत्र के दायरे में लाया गया था।
उन्होंने कहा, ”यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजग सरकार ने वर्ष 2017 में इस प्रावधान को हटा दिया जिसके कारण 2.5 करोड़ खुदरा व थोक विक्रेता प्राथमिक क्षेत्र ऋण की सुविधा से वंचित हो गए। इसी प्रकार इनको सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग क्षेत्र की अन्य योजनाओं के लाभ से भी वंचित होना पड़ा।”
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई के तहत लाने की घोषणा की। इससे ये क्षेत्र रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुरूप बैंकों की प्राथमिकता प्राप्त श्रेणी के तहत ऋण का लाभ उठा सकेंगे।