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‘मोदी के महाफेरबदल’ को अख़बारों ने बताया – डिलीट, रिसेट – प्रेस रिव्यू

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आज यानी गुरुवार को सभी अख़बारों ने अपने पहले पन्ने पर मोदी सरकार के मंत्रीमण्डल में हुए फेरबदल को प्रमुखता से जगह दी है.

अंग्रेज़ी अख़बार, द हिन्दू लिखता है कि पीएम मोदी ने मंत्रीमण्डल विस्तार के दौरान कई कद्दावर नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया. उन्होंने गुजरात विधानसभा चुनाव को देखते हुए दो जूनियर मंत्रियों को कैबिनेट रैंक दी है और पहली बार बीजेपी पश्चिम बंगाल से चार सांसदों को काउंसिल ऑफ़ मिनिस्टर्स में लेकर आयी है.

द इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि पीएम मोदी ने पिछला सब मिटाकर, नये सिरे से कहानी लिखने की शुरुआत की है. कोरोना महामारी के दौर में मोदी सरकार की क्षमता और उनकी साख पर उठते सवालों के बीच, उन्होंने 2014 के बाद अपने मंत्रीमण्डल में सबसे बड़ा फ़ेरबदल किया है.

हिन्दी के अख़बारों ने इसे ‘पीएम मोदी का महाफेरबदल’ बताया है और अधिकांश अख़बारों ने मंत्रीमण्डल के विस्तार से जुड़ी सूचनाएं दी हैं, जैसे बताया गया है कि अब मंत्रीपरिषद में सर्वाधिक ग्यारह महिलाएं शामिल हैं.

द पायनियर अख़बार ने लिखा है कि पीएम मोदी ने नई पीढ़ी को आगे बढ़ाने की तैयारी कर ली है. अख़बार ने एक रिपोर्ट में लिखा है कि डॉक्टर हर्षवर्धन को कोविड कुप्रबंधन की क़ीमत चुकानी पड़ी जिस वजह से उनसे स्वास्थ्य मंत्रालय ले लिया गया.

हिन्दी अख़बार, अमर उजाला लिखता है कि ‘चिराग’ को बुझाने के चक्कर में खाली हाथ रह गए नीतीश कुमार. अपनी रिपोर्ट में अख़बार ने लिखा है कि केंद्रीय मंत्रिमण्डल के विस्तार में जदयू को बहुत कुछ मिलना था, लेकिन चिराग पासवान को सबक सिखाने के चक्कर में नीतीश कुमार को लगभग खाली हाथ रहना पड़ा.

हिन्दुस्तान अख़बार ने लिखा है कि पीएम मोदी ने मंत्रीमण्डल विस्तार के ज़रिये जातीय के साथ-साथ क्षेत्रीय संतुलन को भी साधने की कोशिश की है. अख़बार लिखता है कि मंत्रीमण्डल में दो नये चेहरों के साथ छह का कोटा क़ायम है. बिहार से दो नये चेहरों में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचंद्र प्रसाद सिंह और लोजपा के एक गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस को कैबिनेट में जगह मिली है. रामविलास पासवान के निधन के बाद मोदी के मंत्रिमण्डल में बिहार के नेताओं की संख्या घटकर पाँच रह गई थी और मंत्रिमण्डल विस्तार से पहले रविशंकर प्रसाद के हटने के बाद यह संख्या घटकर चार हो गई थी.

कोवैक्स टीके पर मुआवज़े की शर्त

बिज़नेस स्टैंडर्ड अख़बार की रिपोर्ट है कि कोविड-19 वैक्सीन से जुड़ी वैश्विक साझेदारी परियोजना, कोवैक्स के मुताबिक़ इस गठबंधन से जुड़े सभी प्रतिभागी देशों को कोवैक्स के माध्यम से टीके की खुराक़ पाने के लिए टीका निर्माताओं के साथ क्षतिपूर्ति समझौतों पर हस्ताक्षर करने होंगे.

इसका मतलब ये होगा कि इस गठबंधन के ज़रिये मॉडर्ना और फ़ाइज़र एमआरएनए टीके के भारत में आने से पहले ही क्षतिपूर्ति से जुड़े सभी क़ानूनी मुद्दे निपटाने होंगे.

रिपोर्ट के अनुसार, भारत जल्द ही अमेरिका की दिग्गज कंपनियों मॉडर्ना और फ़ाइज़र से कोरोना वैक्सीन की क़रीब 30-40 लाख खुराक़ पाने की उम्मीद कर रहा है. अगस्त में कोवैक्स के ज़रिये भारत में क़रीब 30-40 लाख खुराक़ मिलने की उम्मीद है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और गावी के नेतृत्व वाले टीका गठबंधन, कोवैक्स के ज़रिये इस महीने तक अमेरिका में बने टीके की खुराक़ भारत में भेजने की संभावना है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि कोवैक्स के माध्यम से टीके की खरीद वास्तव में एक ऐसा विकल्प है जिसपर इस समय पूरी सक्रियता से विचार किया जा रहा है.

इस रिपोर्ट में गावी के एक प्रवक्ता के हवाले से लिखा गया है कि ‘इस गठबंधन से जुड़े सभी लोगों को टीका निर्माताओं के साथ-साथ क्षतिपूर्ति समझौतों पर हस्ताक्षर करने होंगे ताकि कोवैक्स के माध्यम से खुराक़ हासिल की जा सके. ये द्विपक्षीय सौदों के माध्यम से मिली टीके की खुराक़ के लिए भी होगा.

कोवैक्स कम आमदनी वाली अर्थव्यवस्थाओं के लिए इन समझौतों को लागू करने की प्रक्रिया को सुगम बनाने में मदद कर रही है.

दिल्ली में पेट्रोल 100 रुपये लीटर के पार पहुँचा

पेट्रोल के दाम राजधानी दिल्ली में भी 100 रुपये प्रति लीटर के पार पहुँच गये हैं. इस ख़बर को सभी अख़बारों ने प्रकाशित किया है.

हिन्दुस्तान अख़बार लिखता है कि दिल्ली में पेट्रोल की क़ीमत ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुँच गई है. पिछले छह महीनों में 16 रुपये से अधिक की बढ़ोतरी के साथ पेट्रोल प्रति लीटर 100 रुपये के पार हो गया है. एक जनवरी को पेट्रोल के दाम 83.71 रुपये प्रति लीटर थे, पर बुधवार को पेट्रोल के दाम 100.27 रुपये हो गये.

अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार, एनसीआर के सभी शहरों की तुलना में दिल्ली में पेट्रोल तीन रुपये तक महँगा है.

अख़बार ने कुछ जानकारों के हवाले से लिखा है कि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की क़ीमतों में वृद्धि से आने वाले दिनों में तेल के दामों में और इजाफ़ा हो सकता है.

देश के चार महानगरों समेत 15 राज्यों में पेट्रोल के दाम सौ रुपये प्रति लीटर का आंकड़ा पार कर चुके हैं.

यूपी में मिले डेल्टा प्लस वेरिएंट के दो मरीज़

हिन्दी अख़बार अमर उजाला की रिपोर्ट है कि अब देश के 174 ज़िलों में कोरोना के घातक स्वरूपों की पुष्टि हो चुकी है और उत्तर प्रदेश में ज़्यादा ख़तरनाक समझे जा रहे डेल्टा प्लस वेरिएंट के भी दो मामले पाये गए हैं.

अख़बार के मुताबिक़, यूपी के 850 सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग के दौरान दो मरीज़ों में कोरोना के डेल्टा वेरिएंट की पुष्टि हुई है. इनमें से एक देवरिया के 66 साल के बुज़ुर्ग की 29 मई को मौत भी हो चुकी है. दूसरी गोरखपुर के एक मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर हैं जो होम आइसोलेशन में रहकर ठीक हो चुकी हैं.

कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच, पंजाब, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, केरल व गुजरात के 174 ज़िलों में कोरोना के विभिन्न गंभीर स्वरूपों – अल्फ़ा, बीटा, गामा, डेल्टा व डेल्टा प्लस की मौजूदगी का पता चला है.

यूपी के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बताया है कि “प्रदेश में डेल्टा प्लस के दो केस सामने आने के बाद सावधानी बढ़ा दी गई है. ख़ासतौर से संबंधित इलाक़े के लोगों की सैंपल संख्या बढ़ाकर उनकी जाँच कराई जायेगी. हालांकि, इन दोनों के संपर्क में रहने वाले परिजनों व अन्य लोगों की कोविड रिपोर्ट नेगेटिव आयी है और दोनों की ही कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है. ऐसे में नया वेरिएंट कैसे आया, यह स्वास्थ्य विभाग के लिए एक चुनौती है.”