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इंग्लैंड ने लॉर्ड्स टेस्ट के लिए बदली रणनीति, अब बढ़ेगी अश्विन vs जडेजा डिबेट

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भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए पहले टेस्ट में कई ऐसी सकारात्मक बातें हुईं, जो भारतीय टीम (Team India) का मनोबल ऊंचा करने वाली हैं. भारत ने मेजबान इंग्लैंड को दो बार सस्ते में समेटा और खास बात यह रही कि सभी विकेट तेज गेंदबाजों ने लिए. जीतने के लिए भारत को ठीक-ठाक पिच पर तकरीबन 200 का लक्ष्य मिला, जो आज के जमाने में बहुत ज्यादा नहीं माना जाता. कुल मिलाकर यह ऐसा मैच रहा, जिसे इंग्लैंड भूलना चाहेगा और उसने इस दिशा में कदम बढ़ा भी दिए हैं. इंग्लैंड ने दूसरे टेस्ट (India vs England 2nd Test) के लिए अपनी टीम में जो बदलाव किया है, वह इस बात का संकेत है कि लॉर्ड्स में उसकी रणनीति कुछ और होगी.

भारत और इंग्लैंड (India vs England) के बीच दूसरा टेस्ट 12 अगस्त से लॉर्डस (Lords Test) में खेला जाएगा. भारत इस मैदान पर 19वां टेस्ट मैच खेलेगा. इतिहास मेहमान टीम के पक्ष में नहीं दिखता, लेकिन वर्तमान उम्मीद जगाता है. भारत ने यहां खेले गए 18 टेस्ट मैचों में से सिर्फ दो जीते हैं. लेकिन अच्छी बात यह है कि विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, रवींद्र जडेजा, मोहम्मद शमी, इशांत शर्मा जैसे क्रिकेटर यहां टेस्ट जीत का स्वाद चख चुके हैं.

खैर अब दूसरे टेस्ट मैच की संभावनाओं पर लौटते हैं. इंग्लैंड ने इस मैच के लिए टीम में खासतौर पर ऑलराउंडर मोइन अली (Moeen Ali) को शामिल किया है, जो अपनी बेहतरीन ऑफ स्पिन से भारतीयों को कई बार चौंका चुके हैं. मेजबान इंग्लैंड ने पहले टेस्ट मैच में अपनी प्लेइंग इलेवन में एक भी स्पिनर शामिल नहीं किया था. जबकि दूसरे टेस्ट मैच में मोइन अली का खेलना तय माना जा रहा है. मोइन की इस अचानक एंट्री की वजह लॉर्ड्स की पिच बताई जा रही है. माना जा रहा है इस पिच पर नॉटिंघम टेस्ट के मुकाबले ज्यादा स्पिन होगी.

भारतीय टीम प्रबंधन को भी अपनी प्लेइंग XI चुनते समय इस बात का ध्यान रखना होगा. वैसे तो कप्तान विराट कोहली पहले टेस्ट मैच के बाद ही कह चुके हैं कि वे इंग्लैंड दौरे पर चार तेज गेंदबाजों के साथ ही खेलना पसंद करेंगे. कोहली की इस रणनीति पर तो सवाल कम ही उठ रहे हैं. लेकिन उनके रवींद्र जडेजा प्रेम को लेकर कई खिलाड़ी सवाल कर रहे हैं. वीवीएस लक्ष्मण समेत कई क्रिकेटरों का कहना है कि भारत को अपनी प्लेइंग इलेवन में रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) को शामिल करना चाहिए, जो इंग्लिश पिचों पर ज्यादा प्रभावी हो सकते हैं. संजय मांजरेकर ने भी अपनी प्लेइंग इलेवन में रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) की अश्विन को जगह दी थी. यानी यह तो माना ही जा सकता है कि प्लेइंग इलेवन चुनते समय भारतीय टीम प्रबंधन में भी अश्विन vs जडेजा (R Ashwin vs Ravindra Jadeja) की बहस तो होगी ही.

क्रिकेटप्रेमी जानते हैं कि रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा दोनों ही बेहद अनुभवी खिलाड़ी हैं. अश्विन 2011 और जडेजा 2012 से टेस्ट खेल रहे हैं. अश्विन ने इस दौरान अश्विन ने 79 तो जडेजा ने 53 टेस्ट मैच खेले हैं. अश्विन 413 विकेट लेने के अलावा 24.56 की औसत से 2685 रन बना चुके हैं, जिसमें 5 शतक शामिल हैं. जडेजा ने 221 विकेट झटके हैं और 35.80 की औसत से 2041 रन बना चुके हैं, जिसमें एक शतक शामिल है.