र्मेंस लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) को मंजूरी दे दी है. केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बैक में लिए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि टेक्सटाइल कंपनियों को उत्पादन के आधार पर 10,683 करोड़ रुपये इंसेंटिव के तौर पर दिए जाएंगे. इससे भारतीय कंपनियां वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ेंगी. इसमें टियर-3 और टियर-4 शहरों के नजदीक स्थित कंपनियों को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी जाएगी. उन्होंने कहा कि टेक्सटाइल सेक्टर में रोजगार के नए अवसर तैयार करने पर ज्यादा जोर दिया जाएगा.
PLI को मंजूरी से रोजगार के बनेंगे मौके, निर्यात भी बढ़ेगा
कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने कहा कि टेक्सटाइल सेक्टर को पीएलआई की मंजूरी से 7 लाख लोगों के लिए नौकरी के मौके पैदा होंगे और निर्यात में भी तेजी आएगी. केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि देश में सबसे ज्यादा रोजगार टेक्सटाइल इंडस्ट्री ही देती है. आज अंतरराष्ट्रीय व्यापार का दो तिहाई बाजार मैन मेड टेक्सटाइल और टेक्निकल टेक्सटाइल का है. ऐसे में फेब्रिक, गारमेंट्स समेत पूरे इकोसिस्टम में भारत का योगदान बढ़ाने के लिए टेक्सटाइल पीएलआई को मंजूरी दी गई है. भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के मकसद से अब तक 13 सेक्टर के लिए पीएलआई स्कीम का ऐलान किया जा चुका है. कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद अब कपड़ा मंत्रालय इस स्कीम को लेकर दिशानिर्देश जारी करेगा.
MMF को 7000 करोड़ तो TT को 4000 करोड़ की PLI
कैबिनेट ने मैनमेड फाइबर (MMF) अपैरल के लिए 7,000 करोड़ रुपये और टेक्निकल टेक्सटाइल (TT) के लिए 4,000 करोड़ रुपये की पीएलआई को मंजूरी दी है. बता दें कि भारत के कपड़ा निर्यात में मैन मेड फाइबर का योगदान महज 20 फीसदी है. वहीं, वर्तमान में कॉटन का योगदान 80 फीसदी है. दुनिया के अन्य देश इस मामले में भारत से काफी आगे हैं. केंद्रीय मंत्रिमंडल के टेक्सटाइल पीएलआई को मंजूरी देने से गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा को सीधा फायदा होगा.