संयुक्त राष्ट्र महासभा के वैश्विक नेताओं की अगले हफ्ते होने वाली वार्षिक सभा में 100 से अधिक देशों और सरकार के प्रमुख व्यक्तिगत रूप से भाग लेंगे. इस बैठक में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन भी शामिल होंगे. वक्ताओं की ताजा सूची के अनुसार यह जानकारी मिली है. कोरोना महामारी के कारण 2020 में इस बैठक का आयोजन ऑनलाइन किया गया था.
पीएम मोदी 25 सितंबर की सुबह संयुक्त राष्ट्र महासभा के सभागार से विश्व नेताओं को संबोधित करेंगे. इससे एक दिन पहले 24 सितंबर को वह बाइडन की मेजबानी में वाशिंगटन डीसी में क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे.
साझा हितों के मुद्दों पर होगी चर्चा
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि मोदी, बाइडन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और उनके जापानी समकक्ष योशिहिदे सुगा वाशिंगटन में क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और ”12 मार्च 2021 को हुए पहले वर्चुअल शिखर सम्मेलन के बाद से हुई प्रगति की समीक्षा करेंगे और साझा हितों के क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे.”
बयान में कहा गया है कि मोदी 25 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 76वें सत्र को संबोधित करेंगे. इस साल की महासभा की चर्चा का विषय ”कोविड-19 से उबरने की उम्मीद के जरिए लचीलेपन का निर्माण, स्थायित्व का पुनर्निमाण, धरती की आवश्यकताओं को पूरा करना, लोगों के अधिकारों का सम्मान और संयुक्त राष्ट्र को पुनर्जीवित करना है.”
दूसरा वक्ता है अमेरिका, पहले पर ब्राजील
बाइडन अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर महासभा में पहला संबोधन देने न्यूयॉर्क जाएंगे. आम चर्चा में ब्राजील के बाद अमेरिका पारंपरिक रूप से दूसरा वक्ता है. यह चर्चा इस साल 21 सितंबर से 27 सितंबर तक चलेगी. चर्चा के आखिरी दिन अफगानिस्तान के राजनयिक संबोधित करेंगे. अभी संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के दूत गुलाम इसाकजई हैं जिन्हें जून 2021 में पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने संयुक्त राष्ट्र में काबुल का दूत नियुक्त किया. अंतरिम तालिबान सरकार ने इसाकजई की जगह किसी और को नियुक्त करने का अभी कोई फैसला नहीं किया है.
जापान और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री भी 193 सदस्यीय महासभा में अपने देश की ओर से भाषण देने के लिए संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय आएंगे. इजराइल के नए प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट और फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास भी इसमें भाग लेंगे और 23 मंत्रियों के व्यक्तिगत रूप से भाषण देने का भी कार्यक्रम है.
संयुक्त राष्ट्र ने देशों से व्यक्तिगत रूप से भाग लेने या पहले से रिकॉर्ड किए गए बयान पेश करने का अनुरोध किया है जैसा कोरोना वायरस महामारी के कारण पिछले साल सभी देशों ने किया था.
जलवायु परिवर्तन से होगी शुरुआत
कई राजनयिकों और नेताओं ने सार्वजनिक रूप से शिकायत की थी कि क्षेत्रीय मुद्दों और वैश्विक चुनौतियों तथा संकट से निपटने के लिए वर्चुअल बैठक आमने-सामने की बैठक या सामूहिक चर्चा की जगह नहीं ले सकती.
बड़ी संख्या में नेता व्यक्तिगत रूप से सभा में भाग लेने की योजना बना रहे हैं जो संयुक्त राष्ट्र की वार्षिक सभा की महत्ता को दर्शाता है. वार्षिक सभा में 73 देशों के प्रमुख और 31 सरकारों के प्रमुखों के भाग लेने की उम्मीद है.
ईरान, मिस्र, फ्रांस, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका और जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति इस साल पहले से रिकॉर्ड किए गए बयान देंगे. 20 सितंबर से शुरू हो रही इस उच्च स्तरीय बैठक की शुरुआत जलवायु परिवर्तन के मुद्दे से होगी