Home देश डिजिटल अर्थव्यवस्था में आधार का इस्तेमाल कैसे हो बेहतर? सरकार करेगी चर्चा

डिजिटल अर्थव्यवस्था में आधार का इस्तेमाल कैसे हो बेहतर? सरकार करेगी चर्चा

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आधार कार्ड (Aadhar Card) के इस्तेमाल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए एक्सपर्ट्स और सरकार के बड़े अधिकारी मंथन करने वाले हैं. एक्सपर्ट्स इस बात पर चर्चा करेंगे कि आखिर डिजिटल अर्थव्यवस्था में आधार के इस्तेमाल में सुधार और विस्तार कैसे किया जाए. आधार को ‘अंतरराष्ट्रीय डिजिटल पहचान मानक’ के रूप में विकसित करने की दिशा में काम करने पर विचार किया जाएगा. इसके लिए ‘आधार 2.0 – डिजिटल पहचान और स्मार्ट गवर्नेंस नाम से एक वर्कशॉप का आयोजन किया जाएगा.

तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव और राजीव चंद्रशेखर, यूआईडीएआई के पूर्व प्रमुख नंदन नीलेकणि, आरएस शर्मा और अजय भूषण पांडे मौजूद रहेंगे. इसके अलावा इस वर्कशॉप में पीएम की आर्थिक परिषद के अध्यक्ष विवेक देबरॉय, वित्त सचिव टीवी सोमनाथन, आईटी सचिव अजय प्रकाश साहनी और नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत भी नज़र आएंगे. पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा और विश्व बैंक के विशेषज्ञ जैसे ग्लोबल डायरेक्टर फॉर सोशल प्रोटेक्शन एंड जॉब्स, मिशल रुतकोव्स्की और आईआईटी और आईआईएससी के प्रोफेसर भी इसमें भाग लेंगे.

क्या है एजेंडा?
इस वर्कशॉप के एजेंडे की एक कॉपी News18 के पास भी है. इसमें कहा गया है, ‘आधार के हमारे जीवन में सबसे भरोसेमंद पहचान के रूप में प्रवेश करने के एक दशक से अधिक समय के बाद, हम यूआईडीएआई में डिजिटल अर्थव्यवस्था के कई पहलुओं को सरल बनाने के उद्देश्य से, इसके विकास के अगले चरण को शुरू करने के लिए बेहद उत्साहित हैं.’

डिजिटल पहचान
एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि आधार बायोमेट्रिक्स और ई-केवाईसी प्रमाणीकरण के साथ एक ‘विश्वसनीय आईडी’ है. सरकार को लगता है कि इसे भारत के अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी डिजिटल पहचान मानकों के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. वर्कशॉप में आधार के तहत डिजिटल समाधान देने के लिए एक मंच और साधन कैसे प्रदान किया जाए और डिजिटल आईडी की समझ को विकसित करने और सामाजिक समावेश पर विशेष ध्यान देने के साथ और आधार कैसे एक कुंजी है, इस पर भी चर्चा होगी.

इन मुद्दों पर भी होगी चर्चा
कार्यशाला में लोगों के लिए आधार नामांकन और इनरॉलमेंट को और सरल बनाने के तरीकों के साथ-साथ डेटा सुरक्षा और गोपनीयता के कानूनी पहलुओं और आधार में नई तकनीकों को अपनाने पर भी चर्चा होगी. तीन दिवसीय कार्यशाला के एजेंडे में कहा गया है, ‘वर्कशॉप क्षेत्रीय और वैश्विक बहस में शामिल होने का अवसर प्रदान करेगी, जबकि भारत-विशिष्ट चुनौतियों और लोगों, प्रक्रियाओं, प्रौद्योगिकी, अनुसंधान, नियामक ढांचे, कानूनी नीति और शासन के संदर्भ में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के अवसरों को दर्शाती है.’