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गुजरात: सड़क किनारे ‘नॉन वेज फूड’ स्टॉल पर प्रतिबंध की मांग; गंदगी, ट्रैफिक जाम को बताया कारण.

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गुजरात के अहमदाबाद (Ahmedabad) में भी सड़क के किनारे मांसाहारी भोजन के स्टॉल (Non Veg Food Stalls) पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इस मामले में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने स्पष्ट करते हुए कहा कि राज्य में बीजेपी की सरकार (BJP Govt) को लोगों के विभिन्न प्रकार के खान-पान की आदत से कोई आपत्ति नहीं है. अहमदाबाद के साथ-साथ राज्य के अन्य शहर वडोदरा, राजकोट, जूनागढ़ और भावनगर में भी सड़क के किनारे नॉन वेज फूड के स्टॉल पर बैन लगा दिया गया है.

नगरीय निकाय चाहता है कि मांसाहारी भोजन के स्टॉल पूरी तरह से सार्वजनिक न हों और इस पर कार्रवाई को लेकर उन्होंने कुछ कारण बताए हैं. इस संबंध में नॉन वेज फूड बेचने वाले सभी वेंडर्स को निर्देश दिया गया है कि या तो वे मांसाहारी भोजन बेचना बंद कर दें या फिर इस भोजन को पूरी तरह से कवर करके बेचें.

हालांकि, इस संबंध में कोई आधिकारिक नोटिफिकेशन नहीं जारी हुआ है, लेकिन नगरीय निकाय के अधिकारियों ने मौखिक रूप से सड़क के किनारे मांसाहारी भोजन और अंडे बेचने वाले दुकानदारों को निर्देश दिये हैं.
इन 5 कारणों की वजह से गुजरात में सार्वजनिक रूप से मांसाहारी भोजन बेचने पर प्रतिबंध:
जमीन पर कब्जा और अतिक्रमण: राजकोट और वडोदरा में 19 नवंबर को नगरीय निकाय द्वारा सड़क किनारे नॉन वेज फूड पर प्रतिबंध लगाने के बाद, राज्य के राजस्व मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने कहा था कि, इस प्रकार के व्यवसाय जमीन पर कब्जा या अतिक्रमण करने की कोशिश होती है और इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसे आदेश राज्य के अन्य शहरों में भी जारी होंगे. हालांकि गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष सी आर पाटिल ने कहा कि, यह जरूरी नहीं है कि इस हर जगह दोहराया जाए.
स्कूल, धार्मिक स्थलों के पास मांसाहारी भोजन न हो: बीजेपी शासित अहमदाबाद म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन स्कूल और धार्मिक स्थलों से 100 मीटर की दूरी के अंदर आने वाले मांसाहारी भोजन के स्टालों को हटाने का निर्णय लिया है.

अस्वच्छता, बदबू और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक: मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि, उन स्ट्रीट फूड की दुकानों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है जो अस्वच्छ भोजन बेच रहे हैं और इसे लेकर कई बार इन दुकानों को सड़क के किनारे से हटाए जाने की मांग की जा चुकी है. हमारी चिंता सिर्फ यह है कि इन फूड स्टालों पर अस्वच्छ नहीं बिकना चाहिए.

ट्रैफिक जाम का कारण: सीएम भूपेंद्र पटेल ने कहा कि, अगर ऐसे फूड स्टाल व दुकान ट्रैफिक जाम का कारण बने, तो नगरीय निकायों को इनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. ऐसे फूड स्टालों को सड़क के किनारे से हटाने का फैसला लेना.

धार्मिक भावनाएं होती हैं आहत: राजस्व मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने कहा कि, इस तरह के खाद्य पदार्थ से न केवल लोगों की भावनाओं को चोट पहुंचती है, बल्कि इसकी मसालेदार खूशबू भी आने-जाने वालों के लिए परेशानी का कारण बनती है. उन्होंने कहा कि यह जाति या धर्म से जुड़ा मुद्दा नहीं है. हालांकि जो भी व्यक्ति इस तरह का भोजन बेच रहा है उसे एक दुकान खरीदनी चाहिए और वहीं से अपना यह व्यवसाय करना चाहिए.