देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए दूसरे राज्याें में मजदूरों की चिंता बढ़ गई है. रोजगार की तलाश में दूसरे राज्य गए मजदूरों को लॉकडाउन की आशंका सताने लगी है. इस असर छत्तीसगढ़ के कोरबा में साफतौर पर देखा जा सकता है. कोरबा रेलवे स्टेशन पर आने-जाने वालों की जांच की जा रही है. पिछले दो वर्षों में महामारी के चलते कई प्रकार की समस्याओं ने मजदूरों को अब काफी कुछ सबक दिया है. इसलिए विभिन्न क्षेत्रों में काम करने के लिए गए मजदूरों की घर वापसी होने लगी है.
रेल मार्ग से कोरबा लौट रहे लोगों की जांच पड़ताल स्टेशन परिसर में की जा रही है. कोरबा जिले से काफी संख्या में लोग तकनीकी कार्यों के लिए दूसरी प्रदेशों की तरफ रुख करते हैं समय के साथ मजदूरों को लगने लगा है कि आने वाले दिनों में दिक्कत हो सकती है. इसलिए उनकी कोरबा वापसी होने लगी है. हाल में ही और कुछ लोग तालचेर से कोरबा लौटे हैं. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के डर के कारण उन्हें यहां वापस आना पड़ा है.
रेलवे स्टेशन पर हो रही कोरोना जांच
आरपीएफ के कोरबा पोस्ट प्रभारी कुंदन कुमार झा ने बताया कि बाहर से आने वाले सभी लोगों की जांच पड़ताल स्टेशन पर की जा रही है. ऐसा महसूस किया जा रहा है कि नागरिक काम के लिए बाहर गए हुए थे उन्हें लॉकडाउन की चिंता हो रही है. वापस लौट रहे मजदूरों से कोरोना के दोनों डोज की भी जानकारी ली जा रही है. वैसे भी जिस तरह जैसे क्षेत्रों में कोरोना की तीसरी लहर के कारण जो परिस्थितियां निर्मित हो रही है, उनसे हर कोई भयभीत है. मजदूर योगेन्द्र साहू का कहना है कि लोग नहीं चाहते कि बीते 2 वर्ष में जिस तरह के अनुभव उनके सामने आए हैं, एक बार फिर उसका सामना किया जाए.