दुनियाभर में रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे राजनयिक विवाद की वजह से अमेरिका-रूस और यूरोपियन यूनियन के बीच काफी तनाव और आशंका की स्थिति है. इसी बीच जर्मन नौसेना प्रमुख वाइस एडमिरल के अचिम शॉनबाच ने एक टिप्पणी में कहा था कि यूक्रेन क्रीमिया को दुबारा वापस नहीं पा सकता है और इसके लिए पुतिन सम्मान के हकदार हैं.
उनकी यह टिप्पणी मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान (Manohar Parrikar Institute for Defence Studies and Analyses) में बोलते हुए आई थी. इसमें उन्होंने कहा था कि क्रीमिया प्रायद्वीप पर रूस ने कब्जा कर लिया है और अब यह यूक्रेन के हाथ से ‘निकल गया’ है और अब इसे ‘वापस’ नहीं लिया जा सकता है.
जर्मन सेना और नागरिकों के लिए दे रहा हूं इस्तीफा
इस बयान के बाद ही अब उन्होंने अपना इस्तीफा देने की बात स्वीकारी है. उन्होंने एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा कि मैंने रक्षा मंत्री क्रिस्टीन लैंब्रेच से मुझे तत्काल प्रभाव से अपने कर्तव्यों से मुक्त करने के लिए कहा है और उन्होंने इस संदर्भ में मेरा अनुरोध स्वीकार कर लिया है.
वाइस एडमिरल शोएनबैक ने अपनी टिप्पणी पर खेद जताते हुए कहा कि भारत में मेरे द्वारा की गई टिप्पणी मेरे और और मेरे कार्यालय की भूमिका पर प्रश्न खड़े कर रही थी. मैं मेरे देश, उसके नागरिकों और जर्मन सेना के लिये अपनी इस्तीफे को जरूरी मानता हूं.
पुतिन और रूस यूक्रेन से सम्मान चाहते हैं
गौरतलब है कि MP-IDSA में बोलते हुए उन्होंने यह सवाल भी किया था कि क्या रूस वास्तव में यूक्रेन पर हमला करना चाहता है. उन्होंने कहा कि क्या रूस वास्तव में यूक्रेन को अपने देश में एकीकृत करना चाहता है? नहीं, यह बकवास है. पुतिन शायद दबाव डाल रहे हैं क्योंकि ऐसा करने शायद यूक्रेन यूरोपियन यूनियन से छिटककर दूर खड़ा हो जाए. वास्तव में रूस और पुतिन यूक्रेन से सम्मान चाहते हैं जिसके की वह हकदार हैं.