फरवरी, मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का आम बजट पेश करेंगी. बजट से एक दिन पहले कल 31 जनवरी को वित्त वर्ष 2021-22 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा. कल ही संसद का बजट शुरू हो रहा है. बजट सत्र कल राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के संसद के दोनों सदनों को संबोधित करने के साथ शुरू होगा. यह बजट सत्र दो चरणों में पूरा होगा. पहला चरण 11 फरवरी तक चलेगा. फिर एक महीने बाद बजट सत्र का दूसरा चरण 14 मार्च से शुरू होकर 8 अप्रैल तक चलेगा.
बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया जाता है. दरअसल, भारत का आर्थिक सर्वेक्षण भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक ऐसा सालाना दस्तावेज है, जिसमें भारत की अर्थव्यवस्था से संबंधित आधिकारिक और ताजा डेटा को शामिल किया जाता है. यह चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (Chief Economic Advisor) की देखरेख में तैयार होता है.
आर्थिक चुनौतियों का खाका
इकनॉमिक सर्वे केंद्रीय बजट से एक दिन पहले बजट में होने वाली घोषणाओं की दिशा और उनका संदर्भ देश के सामने पेश करता है. इसमें देश की अर्थव्यवस्था से जुड़े तमाम सेक्टर्स के प्रमुख ट्रेंड्स और पिछले एक साल के दौरान उनकी दशा-दिशा का ब्योरा पूरे आंकड़ों के साथ मौजूद होता है. इसके साथ ही आर्थिक सर्वेक्षण देश के सामने मौजूद प्रमुख आर्थिक चुनौतियों और उनसे निपटने के तरीकों का एक खाका भी पेश करता है. इस सर्वेक्षण के तहत अर्थव्यवस्था के तमाम आंकड़े सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों और विभागों से जुटाकर एक साथ इस तरह पेश किए जाते हैं, जिनसे देश की आर्थिक तस्वीर साफ साफ उभरकर सबके सामने आ जाए.
आर्थिक स्थिति की सरल प्रस्तुति
एक्सपर्ट बताते हैं कि बजट एक तकनीकि दस्तावेज होता है. अगर कोई आर्थिक जगत का जानकार नहीं है तो उसे बजट को समझने में दिक्कत हो सकती है. लेकिन इकनॉमिक सर्वे के जरिए आम आदमी भी देश की आर्थिक हालात को काफी हद तक समझ सकता है. आर्थिक सर्वेक्षण देखकर आप आसानी आकलन कर सकते हैं कि सरकार का जोर इस बार किस सेक्टर पर अधिक होगा.
इन विषयों की जानकारी
इकोनॉमिक सर्वे में यह जानकारी दी जाती है कि नकदी सप्लाई का ट्रेंड क्या है. इसके अलावा कृषि, औद्योगिक उत्पादन, बुनियादी ढांचा, रोजगार, निर्यात, आयात, विदेशी मुद्रा आदि के मुद्दे पर अर्थव्यवस्था के वर्तमान हालात क्या हैं.
भारत में पहला आर्थिक सर्वेक्षण 1950-51 में प्रस्तुत किया गया था. 1964 तक यह केंद्रीय बजट के साथ प्रस्तुत किया जाता था. वर्ष 1964 से इसे बजट से अलग कर दिया गया.
कैसे तैयार होता है आर्थिक सर्वेक्षण
आर्थिक सर्वेक्षण यानी इकनॉमिक सर्वे को तैयार करने की जिम्मेदारी वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ इकनॉमिक अफेयर्स (DEA) के आर्थिक विभाग की होती है. यह सर्वे मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) के निर्देशन में पूरा किया जाता है. एक तरह से सीईए ही इस रिपोर्ट का मुख्य लेखक या आर्किटेक्ट होता है. सीईए की तरफ से इस रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिए जाने के बाद इसे औपचारिक मंजूरी के लिए वित्त मंत्री के सामने पेश किया जाता है.
अनंत नागेश्वरन बने मुख्य आर्थिक सलाहकार
इकॉनमिक सर्वे पेश किए जाने के ठीक तीन दिन पहले केंद्र सरकार ने वी. अनंत नागेश्वरन को मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया और शुक्रवार को ही उन्होंने कार्यभार ग्रहण कर लिया है. डॉ. नागेश्वरन एक लेखक, शिक्षक और सलाहकार के रूप में काम कर चुके हैं.
यह पद पिछले महीने दिसंबर के पहले सप्ताह से खाली पड़ा था. पिछले सीईए केवी सुब्रमण्यम का कार्यकाल खत्म होने के बाद यह पद खाली था. केवी सुब्रमण्यम ने अक्टूबर में ही ऐलान कर दिया था कि वे अपना कार्यकाल खत्म होने के बाद इस पद पर बने नहीं रहेंगे.