पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद घाटी में आतंकवादियों की कमर टूट चुकी है. घाटी में या तो आतंकियों को मौत के घाट उतारा जा रहा है या उन्हें भागने पर मजबूर होना पड़ा है. हालांकि आतंकियों को मार गिराए जाने में सुरक्षा बलों को भी कुर्बानी देनी पड़ रही है. अगस्त 2019 में पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जा वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को हटा लिया गया था. इसके बाद कश्मीर घाटी में बड़े पैमाने पर अभियान चलाकर आतंकियों को मार गिराया जा रहा है. एएनआई के मुताबिक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इस संबंध में राज्यसभा को सूचना देते हुए कहा है कि जब से यहां से अनुच्छेद 370 को हटाया गया है तब से 439 आतंकियों का सफाया किया गया है.
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद 439 आतंकवादी मार गिराए गए हैं. इस अवधि के दौरान आतंकवाद से संबंधित 541 घटनाएं घटीं. हालांकि इन घटनाओं में 98 निर्दोष नागरिक भी मारे गए हैं.
109 सुरक्षाकर्मी भी शहीद
नित्यानंद राय ने राज्यसभा में बताया कि आतंकवाद की इन घटनाओं में आतंकियों के सफाया करने के दौरान 109 सुरक्षाकर्मी भी शहीद हुए हैं. जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिए जाने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को 5 अगस्त 2019 को हटा लिया गया था. अगस्त 2019 से अगस्त 2021 तक आम नागरिकों की मौत में 49 प्रतिशत की कमी आई है.
5.1 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान
नित्यानंद राय ने बताया कि आतंक की इन घटनाओं में हालांकि किसी विशेष सार्वजनिक संपत्ति की हानि नहीं हुई लेकिन कुछ निजी संपत्ति की हानि जरूर हुई. सरकार इस नुकसान का आकलन कर रही है. अब तक 5.1 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति के नुकसान का आकलन है. सरकार ने बजट सत्र के दौरान यह बात कही है. 31 जनवरी को बजट सत्र शुरू हुआ है जो 11 फरवरी तक चलेगा. बजट सत्र का दूसरा सेशन 14 मार्च से शुरू होगा और 8 अप्रैल तक चलेगा. वित्त वर्ष 2022-23 के लिए मंगलवार को पेश बजट में केंद्रीय सहायता, अनुदान और ऋण के तहत जम्मू-कश्मीर को 35,581.44 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया.