देश में कोरोना के मामलों में पिछले कुछ हफ्तों से लगातार कमी देखी जा रही है. हालांकि मौतों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है. कोविड केसेज के कम होने के बावजूद अभी भी कई राज्यों में स्थिति काफी खराब है. देश के 8 राज्य ऐसे हैं, जिनमें अभी भी 50 हजार से ज्यादा सक्रिय मामले हैं. वहीं 12 राज्य ऐसे हैं जिनमें अभी भी 10 हजार से 50 हजार कोरोना के सक्रिय मामले हैं. वहीं 16 राज्य ऐसे हैं जिनमें 10 हजार से कम सक्रिय मामले हैं.
हालांकि भारत के सभी राज्यों में कोरोना के मामले समान रूप से नहीं बढ़ रहे हैं. कई राज्य जिनमें मामले आने के बाद तीसरी लहर की शुरुआत हुई, उनमें अभी भी सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज मिल रहे हैं. भारत के 8 राज्य ऐसे हैं, जिनमें अभी भी कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं. इनमें पहले नंबर पर केरल राज्य है. जिसका देश के कोरोना मरीजों की संख्या में 24.68 फीसदी का योगदान है. 3 फरवरी को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार केरल में फिलहाल कोरोना के 3 लाख 78 हजार 564 सक्रिय मामले हैं. लिहाजा केरल में अभी भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.
चूंकि दक्षिण भारत के राज्यों में कोरोना का कहर ज्यादा है, यही वजह है कि दूसरे नंबर पर तमिलनाडू राज्य है, जिसका कुल सक्रिय मामलों में 11.60 फीसदी का योगदान है. तीसरे नंबर पर 11.56 फीसदी योगदान के साथ कर्नाटक राज्य है. यहां भी 1 लाख 77 हजार के आसपास कोरोना के सक्रिय मामले हैं. चौथे नंबर पर 11.55 फीसदी के साथ महाराष्ट्र है. इसके बाद के चार राज्यों में सक्रिय मामले अपेक्षाकृत कम हैं. आंध्र प्रदेश में एक लाख के आसपास कोरोना के सक्रिय मामले हैं. वहीं गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी 50 हजार से ज्यादा कोरोना के सक्रिय केस हैं.
कोरोना की तीसरी लहर के दौरान भी और पिछले कुछ दिनों से उत्तर भारत के कुछ राज्यों में कोरोना के मामले कम सामने आ रहे हैं. इनमें दिल्ली सहित उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और बिहार आदि राज्य हैं. इनमें 50 हजार से कम कोरोना के सक्रिय मामले हैं. जबकि कई राज्यों में 10 हजार से भी कम सक्रिय केस हैं. दिल्ली में ही देखा जा रहा कि कोरोना लगातार घट रहा है. ऐसे में हाल ही में हुई डीडीएमए की बैठक में भी दिल्ली में पाबंदियों में छूट दी गई है.