अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने केंद्रीय बजट-2022 (Union Budget-2022) को भारत के लिए ‘विचारशील नीतिगत एजेंडा’ (Thoughtful Policy Agenda for India) कहा है. आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलीना जाॉर्गेवा (MD, IMF, Kristalina Georgieva) ने कहा, ‘हम भारत के विकास में तेज वृद्धि दर के अपने अनुमान पर कायम हैं. हालांकि 2022 के लिए इसमें मामूली संशोधन है. यह 9.5% के हमारे अनुमान से 9% तक आ सकती है. लेकिन 2023 में हम अपने अनुमान को बढ़ा भी रहे हैं. क्योंकि वित्त मंत्री (Nirmala Sitaraman) ने जिन-जिन क्षेत्रों में सतत विकास का अनुमान लगाया है, उनमें हमें भी लगता है कि बेहतर विकास दर जारी रहेगी.’
क्रिस्टलीना जॉर्गेवा ने कहा, ‘इस बजट की सबसे अच्छी बात है कि इसमें शोध एवं विकास के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ाने पर जोर दिया गया है. मानव पूंजी निवेश और डिजिटलाइजेशन की ओर भी ज्यादा ध्यान दिया गया है.’ गौरतलब है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitaraman) ने मंगलवार, 1 फरवरी को वित्तीष वर्ष 2022-23 के लिए 39.45 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया था. इसमें सड़क, आवास निर्माण जैसे आधारभूत ढांचे से जुड़े क्षेत्रों में अधिक पूंजी खर्च करने पर जोर दिया था. ताकि अधिक रोजगार पैदा हों और कोरोना संक्रमण की मार से प्रभावित अर्थव्यवस्था में गति आए.
बजट में वित्त मंत्री ने पूंजीगत खर्च (CapEx) को भी पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 35% की जबर्दस्त बढ़त दी थी. इस मद में 7.5 लाख करोड़ रुपये रखने का ऐलान किया था. इसके साथ ही उन्होंने उत्पाद शुल्क का युक्तियुक्तकरण, नई उत्पादन इकाईयां लगाने के लिए अधिक समय देने तथा नई डिजिटल मुद्रा लाने का ऐलान किया था.
इसीलिए आईएमएफ भारत के लिए उत्साहित है
वित्त मंत्री (Finance Minister) की इन घोषणाओं को देखते हुए ही आईएमएफ (IMF) की एमडी ने कहा है, ‘हमें यह देखकर बहुत अच्छा लग रहा है कि भारत अपनी अर्थव्यवस्था के लिए सिर्फ कम-अवधि के उपाय नहीं कर रहा है. लंबी-अवधि के ढांचागत बदलाव पर भी ध्यान दे रहा है. भारत ने यह भी सोचा है कि वह जलवायु परिवर्तन एजेंडे (Climate Cnage Agenda) को आर्थिक संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए कैसे आगे बढ़ा सकता है. इसीलिए मुझे लगता है कि यह बजट भारत के भविष्य के लिहाज से बहुत सोचा-समझा हुआ है.’
पर्यावरण के लिए भी बजट बढ़ाया गया है
यहां ध्यान देने लायक है कि इस बार के केंद्रीय बजट (Union Budget) में पर्यावरण मंत्रालय के लिए 5.6% राशि बढ़ाई गई है.
भारत के राष्ट्रीय हरित अभियान (National Mission For Green India) के लिए रकम 290 करोड़ से बढ़ाकर 361.69 करोड़ रुपये कर दी गई है. इसमें 300 करोड़ रुपये तो सिर्फ जंगलों का दायरा बढ़ाने के लिए निर्धारित किए गए हैं.