पोस्ट ऑफिस की मासिक आय योजना (एमआईएस), वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस) और टर्म डिपॉजिट से जुड़े निवेश नियम 1 अप्रैल से बदलने वाले हैं. इन निवेश योजनाओं पर मिलने वाला ब्याज अब नकद नहीं मिलेगा. इसमें निवेश करने वाले निवेशकों का सेविंग अकाउंट होना अब जरूरी कर दिया गया है. यानी जिनका सेविंग अकाउंट नहीं है उन्हें इन योजनाओं में निवेश करते वक्त सेविंग अकाउंट खुलवाना होगा.
साथ ही निवेश योजनाओं को अकाउंट से लिंक भी कराना होगा. जिन निवेशकों का पहले से सेविंग अकाउंट है और उन्होंने अभी तक अपनी इन योजनाओं को अकाउंट से लिंक नहीं किया है तो उनके लिए ऐसा करना जरूरी है. इन योजनाओं के ब्याज का भुगतान अब सेविंग अकाउंट में ही होगा.
31 मार्च तक करा लें लिंक
अगर आपने भी इन योजनाओं में निवेश कर रखा है और अपने सेविंग अकाउंट को इससे लिंक नहीं किया है तो यह काम 31 मार्च तक कर लें. सेविंग अकाउंट से लिंक कराने की अंतिम तारीख 31 मार्च, 2022 है. इस समय तक आपने ऐसा नहीं किया तो आप ब्याज का पैसा सिर्फ पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम में क्रेडिट या चेक के जरिये ही ले सकेंगे. वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज तभी मिलेगा जब उनकी निवेश योजना सेविंग अकाउंट से लिंक होगी.
लिंक कराने के लिए क्या करना होगा
अपनी निवेश योजनाओं को बचत खाता से लिंक कराने के लिए एसबी-83 फॉर्म भरना होगा. इस फॉर्म को मासिक आय योजना के पासबुक और सेविंग अकाउंट पासबुक के साथ वेरिफिकेशन के लिए पोस्ट ऑफिस में देना होगा. बचत खाते को निवेश योजनाओं से लिंक करने पर खाताधारक बिना पोस्ट ऑफिस गए कभी भी अपने ब्याज के पैसे को निकाल सकते हैं. साथ ही उन्हें पैसे निकालने के लिए अलग से फॉर्म भरने से छुटकारा मिलेगा.
धोखाधड़ी रोकने को नियमों में हुआ बदलाव
पोस्टल डिपार्टमेंट ने धोखाधड़ी रोकने, मनी लॉन्ड्रिंग पर अंकुश लगाने और डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए नियमों में यह बदलाव किया है. पोस्टल डिपार्टमेंट के मुताबिक, मासिक आय योजना के कुछ खाताधारकों ने ब्याज के क्रेडिट के लिए अपने सेविंग अकाउंट को लिंक नहीं कराया है. बहुत से खाताधारों को यह मालूम भी नहीं है कि उन्हें ब्याज मिल रहा है. ब्याज के पैसे उनके पोस्ट ऑफिस अकाउंट में ही रह जाते हैं.