मिनरल से भरपूर ब्लैक वाटर के बारे में तो आपने सुना ही होगा। लेकिन ऐसा गेहूं भी है जो काले रंग का होता है। इसकी बुवाई नवंबर के महीने में शुरू हो जाती है और इसकी बुवाई काली मिट्टी में होती है।
फसल आने के बाद ठीक वैसे ही हरी भरी होती है जैसे आम गेहूं के दाने की होती है लेकिन गेहू पकने के बाद गेहूं का रंग काला हो जाता है यही रंग इस गेहूं को अधिक पौष्टिक बनाता है। भारत में साथ-साथ पर 7 साल पहले आये है। इस गेहूं की खेती खासतौर पर मध्यप्रदेश ,राजस्थान और पंजाब में हो रही है। आज हम आपको बताते हैं कि काला गेहूं खाने के क्या-क्या फायदे होते हैं।
काले गेहूं में शुगर की मात्रा बिल्कुल नहीं होती
काला गेहूं सामान्य रूप से सामान्य गेहूं की तुलना में कहीं अधिक महंगा होता है और यह बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाएगा काला गेहूं में कई प्रकार के पोषक तत्व जैसे प्रोटीन ,मैग्निशियम ,फाइबर ,फास्फोरस ,सेलेनियम, जिंक ,कैल्शियम ,आयरन ,पोटेशियम ,फॉस्फोरस आदि प्रकार के पोषक तत्व होते हैं। यह दिल की बीमारी के लिए काफी फायदेमंद होता है। काले गेहूं में शुगर की मात्रा बिल्कुल नहीं होती शुगर के मरीज इस रोटी का आसानी से सेवन कर सकते हैं। काले गेहूं का अधिक उत्पादन मध्य प्रदेश मेंकाफी खाया जाता है। क्योंकि इसकी रोटी बहुत ही मुलायम होती है।
ठंड के दिनों में काफी असरदार होती है इसकी मात्रा काफी कम होती है
परंतु काले गेहूं की रोटी खाने से हमारे शरीर के अंदर ब्लड सरकुलेशन को सामान्य बनाए रखती है। ठंड के दिनों में काफी असरदार होती है इसकी मात्रा काफी कम होती है इसकी वजह से शुगर के मरीजों को इसका सेवन करना चाहिए। काले गेहूं में फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है यह हमारे पेट की पाचन तंत्र को ठीक करता है पाचन तंत्र ठीक होने से हमें पेट के कैंसर से छुटकारा मिलता है।
यदि आप कब्ज की समस्या से परेशान हैं तो आपको काले गेहूं का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए। काले गेहूं में फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है यह हमारे पेट के लिए काफी फायदेमंद होता है। नियमित रूप से सेवन करने से आप भी कब्ज की समस्या भी से धीरे-धीरे ठीक होने लगती है…