क्या आप कभी मुम्बई गए हैं? अगर नही गए तो आपको एकबार जरुर जाना चाहिए. मुंबई, जो कभी थमती नहीं, कभी रुकती नहीं. कुछ ऐसा आकर्षण है इस शहर में कि जो एक बार यहां रह लेता है फिर वो यहीं का होकर रह जाता है.
इसीलिए तो मुंबई को मायानगरी कहते हैं
मुंबई लोकल शहर की लाइफलाइन है. ये थमी तो समझो पूरा मुंबई शहर थम गया. अगर आप इस मायानगरी का पूरा नज़ारा लेना चाहते हैं तो मुंबई लोकल में चढ़ जाइए.
आपके मन में जब भी कोई उलझन हो या आपको अपना सुख-दुःख किसी से बांटना हो तो इस शहर में सबके पास एक दोस्त है, यहां का समंदर. जिससे आप अपने दिल की हर बात शेयर कर सकते हो.
मुंबई में आप पैसों की तंगी चाहे कितनी ही झेल रहे हों, आपको पेट भरने के लिए बेहद सस्ता वड़ा पाव तो मिल ही जाएगा.
चाहे जन्माष्टमी की दही हांड़ी हो, ईद की रौनक, गुड फ्राइडे का जश्न हो या फिर होली का हुल्लड़, मुंबई आपको हर त्योहार के रंग से रंगी हुई नज़र आएगी. हां, लेकिन त्योहार के दिन आप घर कितने बजे पहुंचेंगे, इस बात की कोई गारंटी नहीं.
मुंबई में जिसने भी ओवन फ्रेश, कैंडीज़ या फिर इंडिगो आदि का मीठा स्वाद चखा है वो इसे ज़िन्दगी भर नहीं भूल सकता.
मुंबई का अंदाज़ सबसे जुदा है लेकिन यहां आज भी उस पुराने दौर को महसूस किया जा सकता है. गेटवे ऑफ़ इंडिया, एलिफेंटा केव्स, नरीमन पॉइंट और न जाने कितनी ही ऐसी जगहें हैं जहां जाकर आपको ऐसा लगेगा मानो आप अलग ही दुनिया में आ गए हैं.
पारसी बेहद खुशमिजाज़ और अच्छे बिजनसमैन होते हैं और इनके बिना तो मुंबई अधूरा है.
हालांकि मुंबई में भी कुछ एक ऐसे हादसे हुए हैं जिन्होंने मुंबई में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं पर फिर भी ये एक ऐसा शहर हैं जहां महिलाएं दूसरे शहरों से कहीं ज़्यादा सुरक्षित हैं. कम से कम उन्हें हर 5 मिनट में अपने पीछे पलट कर तो नहीं देखना पड़ता.
मुंबई पर ये बात खूब फिट बैठती है. यहां के लोग मेहनत भी खूब करते हैं और इंजॉय भी खूब करते हैं.
एक आम दिन जब इस शहर का शोर और भीड़ आपकी पूरी एनर्जी निकाल लेगी तो आपको सही मायनों में मुंबई का अहसास होगा.