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हमारी सोच शांति की, पर हर हालात के लिए तैयार भी हैं; US जाने से पहले चीन को PM मोदी का संदेश

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अमेरिकी दौरे से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने वॉल स्ट्रीट जर्नल को दिए इंटरव्यू में चीन पर इशारों में ही तंज कसा है। पीएम मोदी ने चीन का नाम तो एक बार ही लिया, लेकिन इशारों में बहुत कुछ कह गए।

उन्होंने कहा कि चीन के साथ शांतिपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों के लिए यह जरूरी है कि सीमा पर शांति और यथास्थिति को बनाए रखा जाए। पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारा यकीन है कि एक-दूसरे की संप्रभुता और अखंडता का सम्मान किया जाए। किसी भी तरह के मतभेद और विवाद पर शांतिपूर्ण ढंग से बात की जाए। लेकिन इसके साथ ही भारत अपनी सुरक्षा और संप्रभुता एवं गरिमा को बचाने के लिए किसी भी हद तक तैयार है।’

पीएम मोदी ने कहा कि सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करना चाहिए। किसी भी तरह का विवाद हो, उसे कूटनीति और संवाद से ही निपटाया जा सकता है। किसी भी मसले का हल जंग तो नहीं हो सकती। अमेरिका के साथ भारत के रिश्तों को लेकर कहा कि दोनों देशों के नेताओं के बीच बड़ा भरोसा है। भारत दुनिया में अब बड़े रोल निभाने के लिए तैयार है और उसे अवसर मिलना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि भारत ऐसा देश है, जो किसी को पीछे करके आगे नहीं बढ़ना चाहता। हम सहअस्तित्व की भावना में यकीन रखते हैं।

इसके साथ ही उन्होंने सप्लाई चेन में विविधता की भी बात की। बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी के इस अमेरिका दौरे में सेमीकंडक्टर की सप्लाई चेन को लेकर भी डील हो सकती है। उन्होंने कहा कि आज की दुनिया पहले के मुकाबले एक-दूसरे से ज्यादा जुड़ी हुई है। एक-दूसरे पर अधिक निर्भर हैं। ऐसे दौर में एकतरफा सप्लाई चेन ठीक नहीं है। माना जा रहा है कि सेमीकंडक्टर की सप्लाई चेन को लेकर अमेरिका से करार के बाद भारत की कोरिया, चीन, वियतनाम और ताइवान जैसे देशों पर निर्भरता कम होगी।

हम न्यूट्रल नहीं हैं, शांति ही हमारा पक्ष है: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने इस दौरान दुनिया को शांति का भी संदेश दिया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि हम न्यूट्रल हैं। लेकिन भारत तटस्थ नहीं है, हम एक तरफ हैं और वह पक्ष शांति का है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया को भारत पर भरोसा है और वे जानते हैं कि भारत की शीर्ष प्राथमिकता शांति ही है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मेंबरशिप मिलनी चाहिए। दुनिया को यह खुद से पूछना चाहिए कि क्या वह भारत को वहां देखना चाहती है। उन्होंने कहा कि विश्व में शांति और स्थिरता के लिए भारत अपनी तरफ से हरसंभव प्रयास करेगा।