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छत्तीसगढ़ में होगी 125 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी

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रायपुर, 19 जुलाई । छत्तीसगढ़ में सरकार ने इस साल धान खरीदी का लक्ष्य तय कर दिया है। इसके तहत पंजीकृत किसानों से 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान की खरीदी होगी। खाद्य मंत्री अमरजीत की अध्यक्षता में धान खरीदी और कस्टम मिलिंग की नीति की समीक्षा कर सुझाव देने हेतु गठित मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक हुई।

गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में प्रदेश के पंजीकृत किसानों से 125 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का अनुमानित लक्ष्य रखा गया है। बीते साल राज्य में 107 लाख टन धान की खरीदी हुई थी।

मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक में आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर धान एवं मक्का उपार्जन, कृषक पंजीयन, बारदाना एवं वित्तीय व्यवस्था संबंधी नीति के निर्धारण के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई।

मंत्रिमंडलीय उपसमिति के सदस्यों में कृषि उत्पादन मंत्री ताम्रध्वज साहू और वन मंत्री मोहम्मद अकबर बैठक में शामिल हुए। बैठक में वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सहकारिता मंत्री रवीन्द्र चौबे भी जुड़े।

मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक में मंत्रियों ने कहा कि राज्य में सहकारी समितियों के माध्यम से सुचारू रूप से धान खरीदी का संचालन किया जाता है। विगत वर्षों की भांति इस वर्ष व्यापक मात्रा में राज्य के किसानों से धान की खरीदी की जानी है। इसलिए सहकारी समितियों को और अधिक मजबूत किया जाना जरूरी है।

उल्लेखनीय है कि सरकार की किसान हितैषी नीतियों एवं फैसलों के कारण विगत चार सालों में किसानों की संख्या और रकबा में लगातार वृद्धि हुई है। कृषि उत्पादन भी तेजी के साथ बढ़ा है।

धान खरीदी के साथ-साथ धान के उठाव के कारण धान का निष्पादन आसानी से संपन्न हुआ है। इस वर्ष भी किसानों को सहुलियत प्रदान करने और धान विक्रय के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए तैयारियां की जा रही है।

बैठक में अधिकारियों ने चर्चा के दौरान बताया कि राज्य में इस खरीफ सीजन में धान का क्षेत्राच्छादन 33.61 लाख हेक्टेयर अनुमानित है।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा विपणन वर्ष 2023-24 में घोषणा के अनुरूप किसानों से प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदी की जाएगी। अनुमानित धान खरीदी के लिए सहकारी समितियों में धान खरीदी व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही है। इसमें किसानों के पंजीयन से लेकर बारदाने की व्यवस्था, खरीदी केन्द्रों में किसानों के लिए आवश्यक सुविधाएं, भुगतान की व्यवस्था आदि का संधारण कार्य किया जा रहा है।