Sawan 4th Somwar: इन दिनों देवों के देव महादेव का पसंदीदा महीना सावन चल रहा है और आज सावन मास का आज चौथा सोमवार है। सावन का महीना जहां शिव जी को प्रिय है वहीं सोमवार का दिन शिव शंकर को समर्पित है।
इस में सावन के सोमवार का महात्म्य बढ़ जाता है।
शास्त्रों और मान्यताओं के मुताबिक सावन सोमवार को व्रत रखने और पूजा करने से भगवान शिव, अपने भक्तों साधना करते हैं।
सावन के चौथे सोमवार के मौके पर सुबह से शिवालय महादेव के जयकारों से गूंज रहे हैं। शिव जी भक्त अपने आराध्य शंकर दानी को प्रसन्न करने में जुटे हैं। भक्त मंदिरों में शिवलिंग पर दूध, जल, गंगाजल, धतूरा, आक, दही, बेलपत्र, गन्ने का रस, फल, फूल आदि चढ़ाकर जलाभिषेक ।
सावन सोमवार पूजा-विधि
- सोमवार प्रात:काल उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
- घर के मंदिर अथवा शिवलयों में जाकर सबसे पहले दीप प्रज्वलित करे और सभी देवी-देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।
- शिवलिंग पर पुष्प, बेल पत्र आदि अर्पित कर गंगा जल और दूध चढ़ाएं।
- शिवलिंग पर दूध या जल से अभिषेक करते समय ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप जरूर करें।
- भगवान शिव की आरती करें और भोग भी लगाएं।
- भगवान शिव का अधिक से अधिक ध्यान करने की कोशिश करें।
सावन सोमवार व्रत महत्व
- शास्त्रों में सावन को महीना शिव जी का प्रिय महीना बताया गया है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक सावन के महीने में मां पार्वती ने कठोर तप कर भगवान शिव को पति के रुप में प्राप्त किया था।
- मान्यता है की जो भी भक्त सावन के महीने सोमवार का व्रत रखकर शिव जी का पूरे विधि विधान से पूजा और जलाभिषेक करता है उनके ऊपर भगवान भोले प्रसन्न होते हैं और उनकी हर मनोकामना करते हैं।
- कहा जाता है कि शादी योग्य लड़कियां यदि सावन महीने में सोमवार का व्रत रख कर यदि माता पार्वती और भोले शंकर की सच्चे मन से करे तो उन्हें मनवांछित वर की जरूर प्राप्ति होती है।