TS Singh Deo On Rahul Gandhi : कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi Membership Reinstatement) की संसद सदस्यता बहाल होने पर कांग्रेस के तमाम नेता अपनी खुशी जाहिर कर रहे हैं. कांग्रेस पार्टी इसे बड़ी जीत बता रही है.
देशभर में कांग्रेस के दफ्तरों पर जश्न मनाए जा रहे हैं. इसी बीच छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव का बयान भी सामने आया है. टीएस सिंह देव ने कहा कि, राहुल गांधी जी की सदस्यता बहाल तो होनी ही थी. आईपीसी के 162 साल के इतिहास में मानहानि के मामले में किसी को 2 साल की सजा नहीं दी गई थी.
सत्यमेव जयते- डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव
छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि, ‘आईपीसी के 162 साल के इतिहास में मानहानि के मामले में किसी को 2 साल की सजा नहीं दी गई. इस मामले में या तो सजा होती है या फिर जुर्माना. राहुल गांधी को दोनों हुए ये ठीक नहीं था.’ इसके अलावा डिप्टी सीएम ने अपने ऑफिशियल ट्वीटर हैंडल पर ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘लोकतंत्र के गलियारे में सत्य की गूंज एक बार फिर गूंजी. माननीय सर्वोच्च न्यायालय के विशिष्ट फैसले की हार्दिक सराहना, जिसने नेता राहुल जी की दोषसिद्धि पर रोक लगा दी है. न्याय की जीत स्पष्ट है, और लोगों की अटूट आवाज किसी भी ताकत के सामने अडिग बनी हुई है. सत्यमेव जयते.
नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत- CM बघेल
बता दें कि, छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम के अलावा सीएम भूपेश बघेल ने भी राहुल गांधी के संसद सदस्यता बहाल होने पर खुशी जाहिर की है. सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कहा कि, ‘ऐसी दिखती है नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत, अन्याय के खिलाफ न्याय की जीत, असत्य के खिलाफ सत्य की जीत, तानाशाही के खिलाफ लोकतंत्र की जीत और षड्यंत्रों के खिलाफ I.N.D.I.A की जीत हुई है. राहुल गांधी जी के माध्यम से संसद में सड़क की आवाज फिर गूंजेगी. समस्त देशवासियों को बधाई.’
छत्तीसगढ़ सरकार में आरक्षण पर बड़ा फैसला
इसके अलावा, आज छत्तीसगढ़ सरकार में आरक्षण पर बड़ा फैसला लिया गया है. विधानसभा चुनाव से पहले सीएम भूपेश बघेल ने ST-SC, OBC के लिए 58% आरक्षण लागू किया गया. बघेल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप यह आरक्षण तय किया है. इसके साथ ही इसी आरक्षण के आधार पर प्रदेश में सरकारी नौकरियों में भर्ती, प्रमोशन और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश का रास्ता आसान हो गया है. इसे लेकर सीएम ने बताया कि, आज निवास कार्यालय में मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य के शैक्षणिक संस्थाओं में पूर्व प्रचलित आरक्षण व्यवस्था के अन्तर्गत प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण करने का निर्णय लिया गया है.
