Vishwakarma Jayanti 2023 : आज विश्वकर्मा जयंती मनाई जा रही है. विश्वकर्मा जयंती हर वर्ष कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है. भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का सबसे पहला इंजीनियर कहा जाता है.
आज के दिन चार शुभ योगों का निर्माण भी हो रहा है, जिसकी वजह से इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ गया है. भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा के अनुसार आज के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, द्विपुष्कर योग, ब्रह्म योग और अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है. ये सभी योग मनुष्य की मनोकामना पूर्ति में सहायक माने जाते हैं. आइए जानते हैं आज के दिन का महत्व.
आज है विश्वकर्मा पूजा 2023
आज दिनांक 17 सितंबर 2023, दिन रविवार को कन्या संक्रांति है. कन्या संक्रांति का क्षण दोपहर 01:43 बजे है. ये वह समय है जब सूर्य देव कन्या राशि में प्रवेश करेंगे. जिसके कारण आज ही विश्वकर्मा पूजा की जा रही है. आज के दिन भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है.
विश्वकर्मा पूजा का महत्व
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान विश्वकर्मा ब्रह्म देव के पुत्र हैं. भगवान विश्वकर्मा को सभी देवताओं का शिल्पी भी कहा जाता है. मान्यता है कि इस सृष्टि की रचना में भगवान विश्वकर्मा ने ब्रह्म देव की मदद की थी. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार विश्वकर्मा जी ने ही सोने की लंका, द्वारका नगरी, पुष्पक विमान, देवी-देवताओं के अस्त्र-शस्त्र बनाए थे. कहा जाता है यदि व्यापार में तरक्की पाना चाहते हैं तो भगवान विश्वकर्मा की पूजा करना बेहद शुभ होता है. जो लोग मशीन और निर्माण से जुड़े हैं उन्हें विशेष रूप से भगवान विश्वकर्मा की पूजा करनी चाहिए. क्योंकि भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का सबसे पहला इंजीनियर कहा जाता है.
विश्वकर्मा जयंती 2023 पर शुभ योगों का निर्माण
विश्वकर्मा जयंती पर चार योगों का निर्माण हो रहा है. इनमें सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत योग, द्विपुष्कर योग और ब्रह्म योग शामिल हैं. मान्यता है कि ये शुभ योग आपकी हर मनोकामना पूरी कर सकते हैं.
1. सर्वार्थ सिद्धि योग – 17 सितंबर 2023, सुबह 06:07 से सुबह 10:02 बजे तक.
2. द्विपुष्कर योग – 17 सितंबर 2023, सुबह 10:02 से सुबह 11.08 बजे तक.
3. ब्रह्म योग – 17 सितंबर 2023, प्रात:काल 04:13 से 18 सितंबर 2023, प्रात:काल 04:28 बजे तक.
4. अमृत सिद्धि योग – 17 सितंबर 2023, सुबह 06:07 से सुबह 10:02 बजे तक.