बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती इस माह छह नवंबर से मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगी। वह मध्य प्रदेश में कुल दस जनसभाओं को संबोधित करेंगी। उनके साथ पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद उनके साथ मंच पर मौजूद रहेंगी।
आकाश आनंद मायावती के भतीजे हैं। उनकी देखरेख में ही मध्य प्रदेश, छतीसगढ़ तथा राजस्थान में पार्टी के चुनाव लड़ रही है।
मायावती पार्टी की कमान धीरे-धीरे आकाश आनंद सौंप रही है, इसके चलते ही अब उन्हे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के चुनाव में आगे किया जा रहा है,
मायावती के बाद आकाश आनंद पर ही फोकस बने, इसीलिए अब बसपा का ब्राह्मण चेहरा माने जाने वाले और राज्यसभा सदस्य रहे सतीश चंद्र मिश्रा को चुनाव प्रचार से दूर रखा जा रहा है। जिसकी शुरुआत मध्य प्रदेश से की जा रही है, और अब उन्हे पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची से बाहर रखा जाएगा।
बसपा नेताओं के अनुसार, मध्य प्रदेश के पांच जिलों में मायावती दस जनसभाओं को संबोधित करेंगी। उनकी जनसभाएं निवाड़ी, छतरपुर, सतना, दतिया और भिंड जिलें में होंगी।
मायावती की पहली जनसभा छह नवंबर को निवाड़ी और अशोकनगर में होगी। इसके बाद सात नवंबर को वह छतरपुर और सागर दमोह में जनसभा को संबोधित करेंगी। आठ नवंबर को सतना और रीवा में तथा 10 नवंबर को दतिया और सेंवड़ा में जनसभा को संबोधित करने पहुंचेंगी।
14 नवंबर को भिंड और मुरैना में जनसभा को संबोधित कर दिल्ली जाएंगी। इन सभी जनसभाओं में मायावती के साथ मंच पर आकाश आनंद के अलावा गोड़वाना गणतंत्र पार्टी (गोगपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष तुलेश्वर सिंह मरकाम भी मौजूद रहेंगे।
बसपा मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में गोगपा से चुनावी गठबंधन कर चुनाव लड़ रही है, इसलिए ही बसपा की रैली में तुलेश्वर सिंह मरकाम मंच पर मौजूद रहेंगे।
”मध्य प्रदेश में भी मायावती रोड शो नहीं करेगी। मायावती रोडशो को दिखावा मानती हैं, उनका ज़ोर हमेशा से ही रैली के जरिए अपने समर्थकों से नाता जोड़ने का रहा है। इसके चलते उन्होने रोड शो कराने का सुझाव देने वाले पार्टी नेताओं को सिर्फ चुनावी रैली आयोजित करने पर ही ध्यान देने की सलाह दी है।”
मध्य प्रदेश में बसपा के प्रदेश अध्यक्ष रमाकांत पिप्पल के अनुसार, मध्य प्रदेश में बसपा 178 और गोगपा 53 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। मध्य प्रदेश में बसपा तीसरे नंबर की पार्टी हैं। बीते विधानसभा चुनावों में भाजपा को एमपी में 41.02 प्रतिशत वोट और कांग्रेस को 40.89 फीसदी वोट मिले थे। वही बसपा को 5.01 फीसदी वोट प्राप्त हुए थे और उसके दो उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई थी। इस बार बसपा एमपी में गोंगपा के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ रही है।
आदिवासी बहुल इलाकों में प्रभाव रखने वाली गोंगपा ने वर्ष 2003 में तीन सीटें हासिल की थी लेकिन उसके बाद उसके नेता दूसरी पार्टियों में पलायन कर गए।
बीते विधानसभा चुनाव में गोंगपा को 1.77% वोट मिले थे, पर गोंगपा का कोई उम्मीदवार चुनाव जीत नहीं सका था। इस बार बसपा और गोंगपा के उम्मीदवारों को जीत हासिल होगी और सरकार के गठबंधन में बसपा-गोंगपा गठबंधन अहम भूमिका अदा करेगा।
रमाकांत पिप्पल यह दावा कर रहे हैं, उनका कहना है कि पार्टी ज़ोरशोर से मध्य प्रदेश की हर विधानसभा सीट पर चुनाव प्रचार कर रही है। पार्टी के सीनियर नेता रामजी गौतम, श्रीकांत, मुकेश अहिरवार, भीम राजभर, रमेश डाबर, जियालाल अहिरवार, सुनील बघेल, रुस्तम सिंह, अच्छेलाल कुशवाहा, डीपी चौधरी, भगवती जाटव और भानुप्रताप सिंह गुर्जर समेत मप्र के तमाम नेता चुनाव प्रचार कर रहे हैं।