5 राज्यों के चुनावों को 2024 का सेमीफाइनल कहा जा रहा है. इसकी आज से शुरुआत हो रही है. आज मिजोरम और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है. आज मिजोरम की सभी 40 सीटों और छत्तीसगढ़ की 20 सीटों पर मतदान होगा.
मिजोरम में 40 सीटों पर मतदान
मिजोरम में विधानसभा चुनाव के लिए सभी 40 सीटों पर मतदान किया जाएगा. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 8.57 लाख से अधिक मतदाता 174 उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला करेंगे. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) मधुप व्यास ने कहा कि मिजोरम के सभी 1,276 मतदान केंद्रों पर सुबह सात बजे मतदान शुरू होगा और शाम चार बजे तक जारी रहेगा. मतगणना तीन दिसंबर को होगी.
एक और अधिकारी ने कहा कि इनमें से 149 सुदूर मतदान केंद्र हैं, जबकि अंतरराज्यीय एवं अंतरराष्ट्रीय सीमा के आसपास के करीब 30 मतदान केंद्रों को संवेदनशील घोषित किया गया है. व्यास ने कहा, मिजोरम में देश में सबसे शांतिपूर्ण चुनाव कराने की परंपरा रही है. हमें उम्मीद है कि हम इसे बरकरार रखेंगे.
राज्य के सभी बॉर्डर सील
उन्होंने कहा कि 40 सदस्यीय मिजोरम विधानसभा के लिए मतदान से पहले म्यांमा से लगी 510 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा और बांग्लादेश से लगी 318 किलोमीटर लंबी सीमा को सील कर दिया गया है. इसके अलावा असम के तीन जिलों, मणिपुर के दो और त्रिपुरा के एक जिले से लगीं अंतर-राज्यीय सीमाएं भी बंद कर दी गई हैं. व्यास ने कहा कि ईवीएम लेकर अधिकतर मतदान कर्मी पहले ही अपने संबंधित बूथों पर पहुंच चुके हैं.
उन्होंने कहा कि हमारे पास तकनीकी गड़बड़ियों से निपटने के लिए पर्याप्त अतिरिक्त ईवीएम और पर्याप्त इंजीनियर हैं. कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी लगातार नजर रखी जा रही है. अधिकारियों ने बताया कि कम से कम तीन हजार पुलिस कर्मियों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के 5400 कर्मियों को चुनावों के लिए तैनात किया गया है.
चुनावी मैदान में कुल 174 उम्मीदवार
चुनाव में 18 महिलाओं समेत कुल 174 उम्मीदवार मैदान में हैं. सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ), मुख्य विपक्षी दल जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) और कांग्रेस ने सभी 40 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं. भाजपा 23 और आम आदमी पार्टी (आप) 4 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं. 27 निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं. कुल मिलाकर, 4,39,026 महिला मतदाताओं समेत 8,57,063 मतदाता मिजोरम विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार के इस्तेमाल करेंगे.
मणिपुर में जातीय झड़पों का असर
राज्य में मुख्य मुकाबला, जिसकी लगभग सभी सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं, सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ), कांग्रेस और जोरम पीपुल्स मूवमेंट के बीच है, जिसमें भाजपा किंग मेकर के रूप में उभरने के लिए उत्सुक है. पड़ोसी राज्य मणिपुर में जातीय झड़पों का असर चुनावों पर पड़ा है और मुख्यमंत्री जोरमथांगा के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ एमएनएफ को उम्मीद है कि लोग पड़ोसी राज्य से आए कुकी-जो समुदाय के कुछ सदस्यों को शरण देने के लिए पार्टी के रुख का समर्थन करेंगे.
म्यांमार के कुछ जो-कुकिस ने भी राज्य में शरण ली है. पर्यवेक्षकों ने कहा कि एमएनएफ ने ‘जो एकीकरण’ को चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश की है. जबकि एमएनएफ केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा है, राज्य स्तर पर दोनों दलों के बीच कोई गठबंधन नहीं है.