भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में इस वक्त चुनाव हो रहे हैं. बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने गुरुवार को शेख हसीना की सरकार को अवैध करार देते हुए पीएम के इस्तीफे की मांग की. उन्होंने 7 जनवरी के होने वाले आम चुनाव के विरोध में शनिवार से 48 घंटे की राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल का आह्वान किया. बीएनपी आम चुनाव का बहिष्कार कर रही है. पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया आम चुनाव से पहले एक अंतरिम गैर-पार्टी न्यूट्रल सरकार की मांग कर रहे हैं. सत्तारूढ़ अवामी लीग शेख हसीना की सरकार ने इस मांग को खारिज कर चुकी है.
बीएनपी के संयुक्त वरिष्ठ महासचिव रुहुल कबीर रिजवी ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में आम हड़ताल की घोषणा की. रिजवी ने एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “48 घंटे की हड़ताल 6 जनवरी को सुबह 6 बजे से 8 जनवरी को सुबह 6 बजे तक चलेगी. हड़ताल में अवैध सरकार के इस्तीफे, एक गैर-पार्टी न्यूट्रल सरकार की स्थापना और सभी पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को जेल से रिहा करने की मांग की गई है. हड़ताल के जरिए बीएनपी का लक्ष्य अवामी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अपने असहयोग आंदोलन के लिए समर्थन जुटाना है. इसने देश के संविधान में संशोधन करके चुनावी निगरानी के लिए एक गैर-पार्टी अंतरिम सरकार की अपनी मांग पर जोर देने के लिए लोगों से टैक्स और बिलों का भुगतान नहीं करने का आग्रह किया है.
विरोध के दौरान अब तक 16 की मौत
इस हड़ताल के माध्यम से विपक्षी दल महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर और स्थायी समिति के सदस्य अमीर खसरू महमूद चौधरी सहित अपने नेताओं की रिहाई की भी मांग कर रहा है, जिन्हें हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. ह्यूमन राइट्स वॉच के अनुसार, पुलिस ने पिछले तीन महीने में हजारों विपक्षी कार्यकर्ताओं और नेताओं को गिरफ्तार किया है. इस दौरान कम से कम 16 लोग मारे गए और हजारों घायल हो गए. राजनीतिक हिंसा में बसों और ट्रकों सहित दर्जनों वाहनों को आग लगा दी गई.