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राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामला

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अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बड़े पैमाने पर चल रही तैयारियों के बीच यहां मस्जिद निर्माण का कामकाज देख रही इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउन्डेशन (आईआईसीएफ़) ने कहा है कि वो अब मस्जिद के निर्माण के लिए अलग रास्ता अपनाएगी.

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर निर्माण के लिए आदेश देते हुए धन्नीपुर में मस्जिद बनाए जाने के लिए ज़मीन देने का आदेश दिया था.

द हिंदू में छपी एक ख़बर के अनुसार पैसों की कमी और प्रशासनिक देरी के कारण अब तक धन्नीपुर में मस्जिद बनाने का काम चालू नहीं हो सका है. ऐसे में आईआईसीएफ़ ने कहा है कि वो अब राम मंदिर की ताक़त के साथ इसके लिए फिर से मुहिम की शुरुआत करेगी.

इसके लिए बीते साल नवंबर में नियुक्त किए मस्जिद विकास समिति के नए प्रमुख हाजी अरफ़ात शेख़ सामने आए हैं. शेख़ महाराष्ट्र से बीजेपी नेता हैं.

इससे पहले जामिया मिल्लिया इस्लमिया के आर्किटेक्चर फैकल्टी के पूर्व डीन प्रोफ़ेसर एसएम अख़्तर ने धन्नीपुर मस्जिद के लिए एक योजना पेश की थी. 4500 वर्ग मीटर के इलाक़े के लिए बनाई गई इस योजना में मस्जिद के साथ-साथ एक अस्पताल, एक सामुदायिक किचन, एक लाइब्रेरी और एक रिसर्च सेन्टर की जगह भी थी.

अब हाजी अरफ़ात शेख़ ने कहा है कि उनका इरादा भारत की सबसे बड़ी मस्जिद बनाने का है “जो ताजमहल से भी बेहतर हो.” इसके अलावा यहां “दुनिया का सबसे बड़ा क़ुरान रखा जाएगा जो क़रीब 21 फ़ीट का होगा.”

उन्होंने कहा, “पहले का डिज़ाइन अंडे के आकार की तरह दिखता था, मस्जिद जैसा बिल्कुल नहीं.”

‘मदीना से होकर आएगी मस्जिद की ईंट’

हाजी अरफ़ात शेख़ ने कहा ये ज़ीरो कार्बन फुट प्रिंट वाला डिज़ाइन होगा और इस पर पुणे के आर्किटेक्ट इमरान शेख़ काम कर रहे हैं, ये नया डिज़ाइन इस साल फरवरी के आख़िर तक तैयार हो जाएगा.

इसमें अस्पताल और सामुदायिक किचन को रखा जाएगा जबकि इसके अलावा और सुविधाएं जोड़ी जाएंगी.

उन्होंने कहा कि ये पांच मीनारों वाली भारत की पहली मस्जिद भी होगी. इसमें एक वॉटर एंड लाइट शो के आयोजन की व्यवस्था भी की जा रही है.

अख़बार लिखता है कि उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या में सरयू नदी के किनारे हर शाम रामायण के नाटक का आयोजन करती है.

अरफ़ात शेख़ ने कहा, “मस्जिद में जिस वक्त अज़ान होगी उस वक्त वॉटर शो होगा. मस्जिद में रोशनी की व्यवस्था इस तरह की जाएगी कि शाम होते ही बत्तियां खुद जल जाएं और सवेरे अपने आप ही बुझ जाएं. युवाओं के लिए मस्जिद में एक विशाल एक्वारियम रखा जाएगा जो दुबई के एक्वारियम से भी बड़ा होगा.”

फऱवरी 2020 में अयोध्या के केंद्र से 25 किलोमीटर दूर धन्नीपुर में मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ की ज़मीन दी गई थी. इसे पहले सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2019 में अपने आदेश में 16वीं सदी की बाबरी मस्जिद की जगह पर राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ कर दिया था.

हाजी अरफ़ात शेख़ ने कहा है कि मस्जिद निर्माण का काम इस साल शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा, “इससे पहले क़ुरान की आयतें लिखी हुई एक ईंट यहां से सऊदी अरब के मदीना भेजी जाएगी बाद में इस ईंट को भारत की सभी बड़ी दरगाहों पर ले जाया जाएगा और आख़िर में इस मस्जिद में लगा दिया जाएगा.”

मस्जिद निर्माण के काम को लोगों तक पहुंचाने के लिए टीवी सिरीज़ बिग बॉस से लोकप्रिय हुए कलाकार विजय विक्रम सिंह की आवाज़ में छोटे-छोटे वीडियो बनाए जाएंगे.

अयोध्या में मस्जिद के निर्माण कार्य को आगे बढ़ाने के लिए आईआईसीएफ़ के बनाए ट्रस्ट आईआईसीएफ़ के अध्यक्ष ज़फ़र अहमद फ़ारुख़ ने हाजी अरफ़ात शेख़ को मस्जिद विकास समिति का नया प्रमुख नियुक्त किया था.

शेख़ बीते साल आईआईसीएफ़ के सलाहकार थे. वो महाराष्ट्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष हैं. उन्होंने मस्जिद का नाम मस्जिद-ए-अयोध्या करने के प्रस्ताव पर आपत्ति जताई थी और इसे बदलकर मोहम्मद बिन अब्दुल्ला मस्जिद कर दिया था.

उन्होंने ये भी साफ किया कि इसके लिए ट्रस्ट हर घर पहुंचने की मुहिम नहीं चलाएगी बल्कि एक वेबसाइट बनाएगी (जिसे इसी साल फरवरी या मार्च में) जहां क्यूआर कोड के ज़रिए आसानी से लोग पैसा दे सकेंगे.

उन्होंने कहा कि वो मस्जिद को लेकर इस तरह से विज्ञापन देंगे राम मंदिर आने वाले हर व्यक्ति एक बार इस मस्जिद को भी देखने के लिए आए.

उन्होंने कहा, “भारत के लिए अयोध्या अहम मुद्दा है. यहां मंदिर और मस्जिद निर्माण से समुदायों के बीच तनाव ख़त्म हो जाएगा. हम ये सुनिश्चित करेंगे कि अयोध्या भारत के गंगा-जमुनी तहज़ीब का बेहतरीन उदाहरण बने.”