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लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से पहले देश में राजनीतिक हलचल, भाजपा पर तुष्टिकरण का आरोप लगाकर कांग्रेस हमलावर…

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लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से पहले देश में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है. भाजपा पर तुष्टिकरण का आरोप लगाकर कांग्रेस हमलावर है.

कांग्रेस पीएम मोदी के उस संबोधन की निंदा कर रही है, जिसमें पीएम ने कहा था कि कांग्रेस की सरकार बनी तो वह सभी की प्रॉपर्टी का सर्वे कराएगी.

हमारी माताओं बहनों के पास सोना कितना है, उसकी जांच की जाएगी. आदिवासी परिवारों के पास चांदी होती है, उसका हिसाब लगाया जाएगा और उसे लोगों में समान रूप से बांट दिया जाएगा.

इससे पहले एक रैली में पीएम मोदी ने कहा था कि कांग्रेस तुष्टिकरण के दलदल में इतना डूब गई है कि उससे कभी बाहर नहीं निकल सकती. कांग्रेस का घोषणापत्र मुस्लिम लीग का घोषणा पत्र लगता है. पीएम के इन बयानों का कांग्रेस पुरजोर विरोध कर रही है.

कांग्रेस ने चुनाव आयोग से भी इसकी शिकायत की है. पीएम मोदी के बयान और विपक्ष की नाराजगी के बीच हमने कांग्रेस के घोषणा पत्र को देखा, जानने की कोशिश की इसमें आखिर क्या है, जिस पर हंगामा मचा है.

कांग्रेस के घोषणा पत्र में क्या है?

कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में 28 नंबर पेज पर आर्थिक न्याय का जिक्र किया है, इसमें कांग्रेस ने राजनीतिक ओर सामाजिक न्याय की तरह इसे भी महत्वपूर्ण बताया है. इसमें कांग्रेस ने नौकरियां, स्वरोजगार बढ़ाने के साथ कई उपायों को बताया है. इसी के 21 वें नंबर प्वाइंटर में कांग्रेस ने ये जिक्र किया है कि-

‘कांग्रेस नीतियों में उपयुक्त बदलाव करके धन ओर आय के मामले में बढ़ती असमानता का समाधान करेगी’.

इसी में आगे जनकल्याण शीर्षक में कांग्रेस ने लिखा है कि भारत की जनता आर्थिक तौर पर विभाजित है, अति अमीर लोगों का एक बहुत छोटा सा वर्ग है. इसके बाद मध्यम वर्ग है जो गरीबी रेखा से ऊपर है, लेकिन माध्यम वर्ग में नहीं आता. देश में 22 करोड़ लोग गरीब हैं. कांग्रेस इन पर फोकस करेगी. कांग्रेस ने नव संकल्प आर्थिक नीति का उद्देश्य भी बताया है. इसमें कांग्रेस ने लिखा है कि-

‘कांग्रेस न्यायसंगत और समान अवसर वाली अर्थव्यवस्था का निर्माण करेगी’.

राहुल गांधी कह चुके हैं सर्वे की बात

पीएम नरेंद्र मोदी के बांसवाड़ा रैली में संबोधन से पहले राहुल गांधी ने गत 7 अप्रैल को तेलंगाना की एक चुनावी रैली में जितनी आबादी उतना हक का नारा दिया था.

इसमें राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर एक वित्तीय और संस्थागत सर्वे होगा. इसमें पता लगा जाएगा कि देश की अधिकतर संपत्ति पर किसका नियंत्रण है.

राहुल गांधी ने जाति जनगणना के अतिरिक्त एक वेल्थ सर्वे कराने की भी बात कही थी. हालांकि बाद में कांग्रेस ने यह दावा किया था कि राहुल गांधी ने देश की संपत्ति को एक से लेकर दूसरे में बांटने का वादा नहीं किया था. उनके शब्दों को गलत तरीके से पेश किया गया.

कांग्रेस ने ये भी किए ऐलान

कांग्रेस के 48 पेज के घोषणा पत्र में 6 वें पेज का शीर्षक हिस्सेदारी न्याय का जिक्र किया गया है. इसे सामाजिक न्याय, अल्पसंख्यक, वरिष्ठ नागरिक विकलांग व्यक्ति और LGBTQIA+ के साथ स्वास्थ्य में बांटा गया है. इसमें सामाजिक न्याय में जिक्र है-

कांग्रेस असमानता की खाई पाटने के लिए राष्ट्रव्यापी आर्थिक और सामाजिक जाति गणना कराएगी. इसमें माध्यम से जातियों, उपजातियों और उनकी आर्थिक सामाजिक स्थिति का पता लगाया जाएगा. प्राप्त आंकड़ों के आधार पर कांग्रेस सकारात्मक कदम उठाएगी.

इसके अलावा आरक्षण की कैप को 50 प्रतिशत से हटाने के साथ कमजोर वर्ग को मिलने वाले 10 प्रतिशत आरक्षण को सभी जाति और समुदाय के लोगों के लिए लागू कराने की बात कही है. इसके अलावा कांग्रेस ने भूमिहीनों को जमीन बांटने का भी ऐलान किया है.

अल्पसंख्यकों के लिए किए गए ये वादे

कांग्रेस ने घोषणा पत्र में जिक्र किया है कि कांग्रेस संविधान के अनुच्छेद 15, 16, 25, 28, 29 और 30 के तहत अल्पसंख्यकों को मिलने वाले मौलिक अधिकारों का आदर करेगी.
कांग्रेस अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों ओर युवाओं को शिक्षा, रोजगार व्यवसाय, सेवाओं, खेल, कला और अन्य क्षेत्रों में पूरी तरह लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करेगी और उन्हें बरकरार रखेगी.

अल्पसंख्यकों को विदेश में अध्ययन कराने के लिए मौलाना आजाद स्कॉलरशिप को लागू कराएगी और स्कॉलरशिप की संख्या बढ़ाएगी.
अल्पसंख्यक अपने मानवीय और नागरिक अधिकारों का इस्तेमाल कर सकेंगे इसके लिए उन्हें आर्थिक सशक्त बनाया जाएगा और उन्हें आसान लोन दिलवाया जाएगा.

कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि अल्पसंख्यकों को शिक्षा स्वास्थ्य, सरकारी नौकरी लोक निर्माण कौशल विकास में बिना भेदभाव उचित अवसर मिलें.

कांग्रेस ने यह भी सुनिश्चित करने का वादा किया है कि प्रत्येक नागरकि की तरह अल्पसंख्यकों को भी पोशाक, खान, पान, भाषा और व्यक्तिगत कानूनों की स्वतंत्रता हो.

कांग्रेस व्यक्तिगत कानूनों में सुधार को बढ़ावा देगी, यह सुधार संबंधित समुदायों की भागीदारी और सहमति से किए जाएंगे.

कांग्रेस संविधान की आठवीं अनुसूची में अधिक भाषाओं में शामिल करने की लंबी समय से चली आ रही मांग को पूरा करने का वादा पूरा करेगी.