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40 साल पहले कैसे कांग्रेस ने जीती 400+ सीट, इस बार कौन तोड़ रहा ये रिकॉर्ड?

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40 साल पहले कैसे कांग्रेस ने जीती 400+ सीट, इस बार कौन तोड़ रहा ये रिकॉर्ड?

लोकसभा चुनाव 2024 के एग्जिट पोल रिजल्ट के मुताबिक बीजेपी की अगुवाई वाला एनडीए इस बार 400 सीटों का आंकड़ा पर कर सकता है. एक्सिस माय इंडिया ने अपने एग्जिट पोल में एनडीए को 361-401 सीटें मिलने का अनुमान जताया है.

तो Todays Chanakya के मुताबिक बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए को 385-415 सीटें मिल सकती हैं. CNX के Exit Poll रिजल्ट में भी NDA को 371-401 सीटें मिलने का दावा है.

400+ सीटें हासिल करने वाली पार्टी
भारत के चुनावी इतिहास पर नजर डालें तो सिर्फ एक बार ऐसा मौका आया, जब किसी राजनीतिक दल ने 400 सीटों का आंकड़ा पार किया. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 415 सीटें जीतकर रिकॉर्ड बनाया था. उस चुनाव में कांग्रेस ने कुल वोट का लगभग आधा अपने नाम किया था. उसके बाद से फिर कभी कोई पार्टी 400 के आंकड़े को नहीं छू पाई.

आजादी के बाद जब साल 1951-52 में जब पहली बार लोकसभा चुनाव हुए तो देशभर में कांग्रेस की लहर थी. इसके बावजूद पार्टी 364 सीटें जीत पाई. 1957, 1962 और 1971 के लोकसा चुनाव में भी कांग्रेस 300 सीटों का आंकड़ा पार करती रही. हालांकि 400 तक नहीं पहुंची. इमरजेंसी के बाद जब 1977 में चुनाव हुए तो कांग्रेस का सबसे बुरा दौर आया. पार्टी 492 सीटों पर चुनाव लड़ी पर 154 सीटों पर सिमट गई. हालांकि अगले ही लोकसभा चुनाव (1980) में पार्टी को फिर 353 सीटें मिलीं.

कैसे कांग्रेस ने किया था करिश्मा
फिर आया 1984 का लोकसभा चुनाव. 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के बॉडीगार्ड्स ने उनकी हत्या कर दी. इसके बाद आनन-फानन में उनके बेटे राजीव गांधी को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया. इसी दौरान लोकसभा चुनाव हुए. इंदिरा के हत्या के बाद देशभर में कांग्रेस के प्रति सहानुभूति की लहर थी. पार्टी ने इसको भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उस चुनाव में कांग्रेस ने रिकॉर्ड बनाया और 541 सीटों में से 415 सीटें अपने नाम की.

वोट शेयर का भी रिकॉर्ड
1984 में कांग्रेस ने न सिर्फ रिकॉर्ड सीटें हासिल की, वोट शेयर के मामले में भी नया रिकॉर्ड बनाया. उस चुनाव में कांग्रेस को अकेले 48.12% वोट मिला. इससे पहले कांग्रेस को 1957 में 47.78 प्रतिशत वोट शेयर मिला था. 1984 के बाद से कोई भी पार्टी न तो 400 सीटों का आंकड़ा पार कर पाई और न ही 40% से ज्यादा वोट शेयर हासिल किया. 1989 में कांग्रेस जरूर 39.53% के करीब पहुंची. साल 2014 से भाजपा सत्ता में आई. मोदी लहर के बावजूद 2019 में बीजेपी को 37.7% वोट मिला था.

फिर नहीं बहुरे कांग्रेस के दिन
1984 में कांग्रेस को रिकॉर्ड सीटें मिली, लेकिन सरकार लगभग पूरे कार्यकाल के दौरान मुश्किलों में घिरी रही. शाहबानो केस से लेकर बाबरी मस्जिद का ताला खुलवाने और बोफोर्स घोटाले के चलते राजीव गांधी विपक्ष के निशाने पर रहे. 1989 में कांग्रेस के हाथ से सत्ता चली गई और जनता दल की अगुवाई में गठबंधन की सरकार बनी. इसके बाद कांग्रेस सत्ता में तो आई लेकिन उसे अपने दम पर बहुमत नहीं मिला. 1991 में कांग्रेस को 244 सीटें मिलीं. 2004 में 145 और 2009 में 206.