इसके लिए फिलहाल सिविल लाइन के सी-4 और कलेक्ट्रेट में ऑनलाइन सेटअप तैयार किया गया है। इसके अलावा सबूत के तौर पर मैसेज, वॉयस सैंपल, सर्वर व अन्य इलेक्ट्रानिक चीजें भी न्यायालय में मान्य होगी। रायपुर जिले में नए कानून को लेकर तैयारी पूरी हो गई है। इससे पहले कई वर्कशॉप हुए हैँ, जिसमें पुलिस और आम लोगों को जानकारी दी गई है।
रात 12.1 बजे अर्थात 1 जुलाई से राजधानी के 32 थानों से 376, 302, 420, 498 ए, 304बी, 379 जैसी धाराएं खत्म हो गई हैं। सोमवार को सभी थानों में उत्सव होगा। इसमें राष्ट्रगान बजेगा। इसे एक उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों, महिलाओं और प्रबुद्धजनों को शामिल किया जाएगा। उन्हें अंग्रेजों के बनाए कानूनों से मुक्ति और नए कानून से आम लोगों को होने वाले फायदे की जानकारी दी जाएगी। रायपुर में इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। जिले के सभी विधायकों को शामिल होने आमंत्रण भेजा गया है।
अब मोबाइल में एक मैसेज भेजकर भी थाने में एफआईआर कराया जा सकेगा। इससे महिलाओं और युवतियों को काफी फायदा होगा। अधिकांश महिलाओं और युवतियां थाना आने से कतराती हैं, जिससे एफआईआर कराने में काफी समय लगता है। अब मोबाइल के एक मैसेज से ही एफआईआर हो जाएगी। इससे उन्हें काफी सुविधा मिलेगी। महिलाएं ही नहीं, इसमें कोई भी किसी भी थाने में मैसेज, वाट्सऐप के जरिए एफआईआर करवा सकेगा।
यह भारत में नए आपराधिक कानून के मुख्य पहलुओं पर प्रकाश डालने वाला चार्ट दिया गया है। विवरण साइबर अपराधों के लिए बढ़ी हुई सज़ा, भ्रष्टाचार के खिलाफ़ कड़े उपाय, महिलाओं और बच्चों के लिए बढ़ी हुई सुरक्षा, सुव्यवस्थित न्यायिक प्रक्रिया और पीड़ित मुआवज़ा योजनाओं की शुरूआत का अवलोकन प्रदान करते हैं।
भारतीय दंड संहिता 1860 के स्थान पर अब भारतीय न्याय संहिता 2023, दंड प्रक्रिया संहिता 1973 को अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 को भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 कर दिया गया है। इसके तहत 376 के स्थान पर धारा 64, 302 के स्थान पर 103, 420 के स्थान पर 318, 498 ए के स्थान पर 85, 304 बी के स्थान पर 80 और 379 के स्थान पर धारा 303 लगेगी। इसके अलावा इसमें और काफी बदलाव हुए हैं।
सभी थानों में जागरूकता कार्यक्रम किए जाएंगे। आमलोगों को इसमें शामिल किया जाएगा। इसे एक उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। सभी थानों में इसकी तैयारी कर ली गई है।