छत्तीसगढ़ : शराब घोटाला केस से जुड़े नकली होलोग्राम मामले में यूपी एसटीएफ ने कार्रवाई तेज कर दी है। यूपी एसटीएफ द्वारा शराब बनाने वाली कंपनियों पर दो बार नोटिस जारी किया जा चुका है, लेकिन पूछताछ के लिए कोई सामने नहीं आया है।
मामले में यूपी एसटीएफ द्वारा भाटिया वाइन एंड मर्चेट प्राइवेट लिमिटेड, छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज और वेलकम डिस्टलरीज को नोटिस जारी किया गया है। अब इन कंपनियों पर जल्द एक्शन लिया जा सकता है।
मिली जानकारी के अनुसार, यूपी एसटीएफ ने भाटिया वाइन एंड मर्चेट प्राइवेट लिमिटेड, छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज और वेलकम डिस्टलरीज को 10 जून को दूसरा नोटिस जारी किया था। साथ ही नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए लखनऊ बुलाया जाए, लेकिन तीनों कंपनियों के कोई भी अधिकारी यूपी एसटीएफ के ऑफिस नहीं पहुंचा है। ऐसे में इन कंपनियों के खिलाफ यूपी एसटीएफ जल्द एक्शन ले सकती है। सूत्रों का कहना है कि मामले में एक बार तीनों एजेंसियों को नोटिस जारी किया जाएगा।
तीसरी बार नोटिस जारी होने के बाद अगर कोई भी पूछताछ के लिए शामिल नहीं होता है, तो एजेंसियों के संचालकों को हिरासत में लिया जा सकता है। इसके बाद पूछताछ की जाएगी। पूछताछ में देरी होने की वजह से यूपी एसटीएफ के द्वारा तीनों एजेंसियों के खिलाफ नोटिस जारी कर सकती है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वहीं इस मामले में गिरफ्तार अनवर और त्रिपाठी ने बताया कि घोटाले की सबसे बड़ी बेनिफिशियरी डिस्टलरी कंपनियां थीं। होलोग्राम बनाने का टेंडर विधु की कंपनी मेसर्स प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड को मिला था। वहां से नकली होलोग्राम बनाकर इन डिस्टलीरज को भेजा जाता था। साथ ही वहां से अवैध शराब पर इन होलोग्राम को लगाया जाता था।