छत्तीसगढ़ : जेल में बंद निलंबित आईएएस रानू साहू, समीर विश्नोई और सौम्या चौरसिया के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने आय से अधिक संपत्ति के मामले को लेकर नई एफआईआर दर्ज…
इन तीनों के खिलाफ EOW ने तीन नए मामले दर्ज किए हैं. इन तीनों पर पद का दुरुपयोग करते हुए आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में EOW ने नए कानून BNS की धारा 173 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. नया मामला दर्ज होने से तीनों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
EOW में पदस्थ निरीक्षक केएल बरेठ के नाम दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया है कि 2010 बैच की आईएएस रानू साहू ने सीईओ जिला पंचायत निगम कमिश्नर और विभिन्न जगह में कलेक्टर रहते हुए अपनी आय के ज्ञात स्रोत से अधिक मात्रा में अपने और अपने परिवार के नाम करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की है.
कोयला परिवहन में अवैध सिंडिकेट के जरिए 25 रुपये टन वसूली की गई, जिसका पैसा रानू साहू को मिला. इतना ही नहीं रानू साहू जहां भी पदस्थ रहीं, उन्होंने भ्रष्टाचार के जरिए खुद को आर्थिक रूप से समृद्ध किया.
निलंबित आईएएस रानू साहू ने वर्ष 2015 से 2022 के बीच करीब चार करोड़ रुपये की अचल संपत्ति खुद के नाम और पारिवारिक सदस्यों के नाम खरीदी है, जबकि उनके सेवा में आने के बाद से 2022 तक का कुल वेतन 92 लाख रुपये बताया गया है.
EOW में दर्ज नई एफआईआर में बताया गया है कि सौम्या चौरसिया तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार में डिप्टी सेक्रेटरी मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थ रहते हुए कोयला घोटाले के अवैध सिंडिकेट का हिस्सा रही हैं. सौम्या चौरसिया ने अपनी आय से अधिक अपने और परिवार के नाम पर 9 करोड़ 20 लाख रुपये की 29 अचल संपत्ति खरीदी है. ये संपत्ति ज्यादातर वर्ष 2021 से 2022 के बीच खरीदी गई है.
जेल में बंद निलंबित आईएएस समीर विश्नोई पर भी कोयला परिवहन के सिंडिकेट से करोड़ों रुपये अर्जित करने का आरोप है. EOW में दर्ज नई एफआईआर में कहा गया है कि समीर विश्नोई ने पांच करोड़ की अचल संपत्ति अपनी पत्नी के नाम पर खरीदी, जबकि वर्ष 2010 से 2022 तक विश्नोई को कुल वेतन करीब 93 लाख रुपये मिला है.