जिस तरह तांबे के लोटे से हम भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं व हर पूजा पाठ में तांबे के लोटे में पानी भरकर प्रतिमाओं को अर्पित करते हैं ठीक उसी तरह तांबे की अंगूठी धारण करने से हमें कई समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
उज्जवल प्रदेश डेस्क. जिस तरह तांबे के लोटे से हम भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं व हर पूजा पाठ में तांबे के लोटे में पानी भरकर प्रतिमाओं को अर्पित करते हैं ठीक उसी तरह तांबे की अंगूठी धारण करने से हमें कई समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
ज्योतिष की मानें तो तांबे को सूर्य और मंगल का धातु कहा गया है। इस धातु का हमेशा उपयोग करने पर हमेशा शुभ फल की प्राप्ति होती है। यहां तक की भगवान को जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा कहा जाता है कि तांबे की धातु से बनी अंगूठी पहनना भी काफी शुभ माना जाता है। तांबे की अंगूठी पहनने से कई फायदे मिलते हैं। ऐसी मान्यता है कि तांबे की अंगूठी पहनने से वह लगातार हमारे शरीर के संपर्क में रहती है, जिससे हमारे शरीर को तांबे के औषधीय गुण मिलते हैं।
सामजिक सम्मान में कमी आती है
ज्योतिष की मानें तो यदि जातक की कुंडली में सूर्य दोष हो तो आदमी को कड़ी मेहनत के बाद भी उसका व फल नहीं मिलता जिसका की वह हकदार है। इसके साथ ही उसे सामजिक सम्मान में उतना नहीं मिलता जितना की उसे चाहिए होता है। इसलिए यदि आपका कमजोर सूर्य के कारण जीवन में परेशानियां आप कम नहीं कर पा रहे तो ऐसे में तांबे की अंगूठी पहनें।
शारीरिक तनाव में भी कमी आती है।
ज्योतिष की मानें तो तांबे की अंगूठी पहनने से मानसिक और शारीरिक तनाव में भी कमी आती है। साथ ही इससे गुस्सा भी काफी हद तक काबू में रहता है।
समाज में पद प्रतिष्ठा
बता दें कि तांबे का संबंध सूर्य है और सूर्य को यश और सम्मान का प्रतीक है। इस तरह तांबे की अंगूठी लगातार पहनने से आदमी को समाज में पद औरप्रतिष्ठा और सम्मान की प्राप्ति होती है।
वास्तु के अनुसार अंगुली पर धारण करें
ज्योतिष की मानें तो तांबे की अंगूठी को सूर्य की उंगली में धारण की जाए तो बेहद शुभदायक होता है। इसे पहनने से यदि आपकी कुंडली में सूर्यं से संबंधित कोई दोष होगा तो उसका प्रभाव कम होने लगता है। इसके साथ ही किसी आदमी की पर यदि मंगल की क्रूर दशा हो, तो उसके लिए भी तांबा बेहद लाभकारी है। इससे मंगल के अशुभ प्रभाव समाप्त हो जाते हैं।