जिन संतानों को मां-बाप भविष्य का सहारा समझकर पालन-पोषण करके काबिल बनाते हैं, वही संतान जरूरत के समय बुजुर्ग मां-बाप को बोझ समझकर घर के बाहर छोड़ रहे हैं। अभी मंगलवार को शहर की एक बुजुर्ग महिला को उसकी बेटी व दामाद वाराणसी के घाट के किनारे लावारिस छोड़ आये थे। ऐसे ही बुधवार दोपहर बिधनू सीएचसी में उपचार के बहाने पनकी निवासी बुजुर्ग पिता को उसकी बेटी व दामाद छोड़कर निकल गए। एक घंटे से इमरजेंसी वार्ड के बेड पर लेटे बुजुर्ग बेटी दामाद का इंतजार कर रहे थे, तभी डॉक्टरों ने पूछताछ की तो उसने बताया कि बेटी दामाद बाहर से दवा लाने की कहकर गए हैं। जिस पर डॉक्टर ने पुलिस को जानकारी दी।