पाकिस्तान ने पुलवामा में आतंकी हमला कराया तो भारत ने जवाब आग बरसाते गोले-बारूद और बंदूकों से दिया. अब 6 साल बाद फिर पहलगाम में आतंकी हमला कराया है तो इस बार जवाब पानी से दिया जाएगा. भारत सरकार ने 65 साल पुरानी सिंधु नदी को लेकर संधि को तोड़कर पाकिस्तान के लिए इस नदी का पानी रोकने का फैसला किया है. लेकिन, क्या यह फैसला सच में पाकिस्तान को उतना नुकसान और चोट पहुंचा सकेगा कि वह गोले-बारुद और बंदूकों की चोट से ज्यादा हो. आखिर सिंधु नदी का पानी पाकिस्तान के लिए कितना अहम है.
पाकिस्तान पहले से ही भुखमरी और कंगाली से जूझ रहा है. राशन के पीछे भागते लोगों के वीडियो तो सोशल मीडिया पर भरे पड़े हैं. पाकिस्तान का खजाना भी खाली है और पहले से लिए गए कर्ज का ब्याज भरने के लिए आज भी आईएमएफ से बेलआउट पैकेज का इंतजार कर रहा है. कंगाली के दौर में अगर भारत ने सच में उसके लिए सिंधु नदी का पानी बंद कर दिया तो इसमें कोई दो राय नहीं है कि पाकिस्तान मछली की तरह तड़प उठेगा.