भारत में बिकने वाले हर नए दोपहिया वाहन में एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) होना ज़रूरी होगा, चाहे इंजन का आकार कुछ भी हो. इसके अलावा, डीलरशिप को प्रत्येक वाहन के साथ दो BIS-प्रमाणित हेलमेट भी देने होंगे. एक बाइक चलाने वाले के लिए और दूसरा पीछे बैठने वाले के लिए. केंद्र सरकार ने दोपहिया वाहन निर्माताओं के लिए वाहन खरीदते समय दो हेलमेट उपलब्ध कराने के संबंध में प्रस्ताव दिया है. इसके अनुसार अब टू व्हीलर खरीदते समय 2 हेलमेट देना अनिवार्य कर दिया जाएगा. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इस नए नियम को लागू करने के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में महत्वपूर्ण बदलाव प्रस्तावित किए हैं. सरकार की आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, नियमों को लेकर जो नए संशोधन किए गए हैं. उसके गजट नोटिफिकेशन यानी आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित होने के तीन महीने के भीतर यह नियम अनिवार्य हो जाएगा.
क्या कहते हैं नए नियम?
सरकार द्वारा 23 जून, 2025 को जारी की गई अधिसूचना के अनुसार, नए नियम का उद्देश्य सवार और पीछे बैठे यात्रियों दोनों के लिए सड़क सुरक्षा को बढ़ाना है. अधिसूचना में कहा गया है, “केंद्रीय मोटर वाहन (संशोधन) नियम, 2025 के लागू होने की तारीख से तीन महीने के भीतर, दोपहिया वाहन के निर्माता को दो पहिया वाहन की खरीद के समय भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा निर्धारित विनिर्देशों के अनुरूप दो सुरक्षात्मक हेडगियर (हेलमेट) की आपूर्ति करनी होगी.” उपलब्ध कराए जाने वाले हेलमेट भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा निर्धारित गुणवत्ता मानकों को पूरा करने चाहिए. हालांकि, यह आवश्यकता उन व्यक्तियों पर लागू नहीं होगी जिन्हें मोटर वाहन अधिनियम की धारा 129 के तहत छूट प्राप्त है. हेलमेट प्रावधान के अलावा, सरकार ने एक और सुरक्षा उपाय भी प्रस्तावित किया है.
ABS क्यों जरूरी है?
अभी, केवल 125 सीसी से ज़्यादा क्षमता वाली बाइकों में ही ABS होना कानूनी तौर पर ज़रूरी है. इसके बजाय छोटे दोपहिया वाहनों में कंबाइंड ब्रेकिंग सिस्टम (CBS) लगाया जाता है. नए नियम के साथ, बजट स्कूटर और मोटरसाइकिल में भी डिफ़ॉल्ट रूप से ABS होगा, जिससे सभी सवारों को बेहतर सुरक्षा मिलेगी. एबीएस क्यों महत्वपूर्ण है? लेकिन ABS क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है? एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम एक ऐसी सुविधा है जो अचानक ब्रेक लगाने पर आपके पहियों को लॉक होने से बचाती है. यह पकड़ और नियंत्रण बनाए रखने में मदद करता है, खासकर गीली या उबड़-खाबड़ सड़कों पर. ABS के बिना, एक सख्त ब्रेक बाइक को फिसलने या पलटने पर मजबूर कर सकता है. इसके साथ, सिस्टम ब्रेक प्रेशर को अपने आप एडजस्ट कर लेता है, जिससे गिरने का जोखिम कम हो जाता है.
कब से लागू होंगे नए नियम?
1 जनवरी, 2026 से, सभी नए L2 श्रेणी के दोपहिया वाहनों, जिनमें 50cc से अधिक इंजन क्षमता या 50 किमी/घंटा से अधिक की शीर्ष गति वाली मोटरसाइकिल और स्कूटर शामिल हैं, को एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) से लैस करना होगा. ABS को भारतीय मानक IS14664:2010 का अनुपालन करना चाहिए, जिससे बेहतर नियंत्रण सुनिश्चित हो और विशेष रूप से अचानक ब्रेक लगाने के दौरान फिसलने की संभावना कम हो.