भारत की सबसे बड़ी एयरलाइंस इंडिगो अपनी कोडशेयर साझेदारी को तुर्की एयरलाइंस के साथ जारी रखेगी और इस्तांबुल के लिए उड़ानों को बरकरार रखने के लिए नए समाधानों पर काम कर रही है. यह घोषणा तब आई है जब तुर्की एयरलाइंस से लीज पर लिए गए दो बोइंग 777 विमानों की मौजूदा अवधि 31 अगस्त 2025 को समाप्त हो रही है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने बताया कि वे इस्तांबुल के लिए ए321 विमानों के उपयोग सहित विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहे हैं ताकि सेवाएं निर्बाध रहें.
30 मई 2025 को नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने तुर्की एयरलाइंस से “डैम्प लीज़” (चालक दल और रखरखाव सहित) पर लिए गए दो बोइंग 777-300 ईआर विमानों के लिए तीन महीने की अंतिम विस्तार अवधि मंजूर की, जो 31 अगस्त 2025 तक प्रभावी है. इंडिगो ने छह महीने का विस्तार मांगा था, लेकिन डीजीसीए ने राष्ट्रीय हितों और नियामक दबाव को देखते हुए इसे सीमित कर दिया. यह कदम तब उठाया गया जब भारत और तुर्की के बीच कूटनीतिक तनाव बढ़ा, खासकर मई में भारत के पड़ोसी देश में आतंकी शिविरों पर हमले के बाद तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन किया और भारत की निंदा की. इस तनाव ने विमानन साझेदारी पर सवाल खड़े किए, जिसके चलते डीजीसीए ने सख्त रुख अपनाया.
कोडशेयर साझेदारी और इस्तांबुल मार्ग
कोडशेयर साझेदारी के तहत इंडिगो अपने यात्रियों को तुर्की एयरलाइंस की उड़ानों पर एक ही टिकट के जरिए बुक कर सकती है, जो दिल्ली और मुंबई से इस्तांबुल के लिए सीधी उड़ानों को संभव बनाती है. एल्बर्स ने पीटीआई से आम्सटर्डम में बातचीत में कहा, “हम इस्तांबुल तक उड़ानें जारी रखेंगे और इसके लिए अलग-अलग समाधानों पर काम कर रहे हैं.” कोडशेयर साझेदारी के भविष्य के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने स्पष्ट किया, “इसके जारी रहने का कोई कारण नहीं है.” यह साझेदारी दोनों देशों के बीच कारोबारी और पर्यटन कनेक्टिविटी को बढ़ावा देती रही है.
आपूर्ति श्रृंखला की चुनौतियां
एल्बर्स ने स्वीकार किया कि कोविड-19 के बाद से वैश्विक सप्लाई चेन की समस्याएं बनी हुई हैं, जिससे नए विमानों की डिलीवरी में देरी और रख-रखाव में दिक्कतें आ रही हैं. उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि यह समस्या जल्दी खत्म होगी, लेकिन हमने लीज एक्सपेंशन और अन्य उपायों से अपनी क्षमता बनाए रखी है.” इन कदमों से ग्राउंडेड विमानों की संख्या में भी कमी आई है, जो इंडिगो के लिए राहत की बात है.