Home समाचार ”चंद्रयान-3 के डेटा का विश्लेषण? ISRO ने मांगे प्रस्ताव”

”चंद्रयान-3 के डेटा का विश्लेषण? ISRO ने मांगे प्रस्ताव”

17
0

”चंद्रयान-3 के डेटा का विश्लेषण? ISRO ने मांगे प्रस्ताव”

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रयान-3 लैंडर और रोवर के सभी प्रयोगों से मिले आंकड़ों के वैज्ञानिक विश्लेषण और उपयोग के लिए मौके का ऐलान किया है। बता दें कि चंद्रयान-3 मिशन ने 23 अगस्त, 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी उच्च अक्षांशों पर ऐतिहासिक सॉफ्ट लैंडिंग की थी, जिससे भारत चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्र पर उतरने वाला पहला देश बन गया।

इसरो ने कहा है कि चंद्रयान-3 मिशन के वैज्ञानिक परिणामों को बढ़ाने के लिए, इसरो इस एओ के माध्यम से राष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय (ISRO/अंतरिक्ष विभाग के बाहर) से चंद्रयान-3 लैंडर और रोवर के सभी उपयोगों से हासिल आंकड़ों के वैज्ञानिक विश्लेषण और उपयोग के लिए प्रस्ताव मांग रहा है।

इन लोगों के पास है मौका बताया जा रहा है कि यह मौका भारत के मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों, अनुसंधान संस्थानों, विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और सरकारी संगठनों के सभी संकायों और शोधकर्ताओं के लिए खुला है। ISRO ने कहा कि प्रस्ताव विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, राष्ट्रीय संस्थानों, इसरो/अंतरिक्ष विभाग के बाहर के वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों के किसी व्यक्ति या समूह द्वारा प्रस्तुत किए जा सकते हैं।

कौन कर सकेगा नेतृत्व हालांकि, इस स्कीम के तहत वे प्रिंसिपल इंवेस्टिगेटर (PI) ही प्रोजेक्ट का नेतृत्व कर सकेंगे, जिनकी रिटायरमेंट से पहले कम से कम 4 साल की सेवा बची हो। प्रस्ताव में कई सह-PI हो सकते हैं, हालांकि, प्रस्ताव से संबंधित सभी संचारों का केंद्रबिंदु प्रिंसिपल इंवेस्टिगेटर ही होगा।

3 साल के अंदर पूरा होगा प्रोजेक्ट बताया जा रहा है कि सभी प्रपोजल का मूल्यांकन एक समीक्षा समिति करेगी, जिसके बाद प्रस्ताव जमा करने की आखिरी तिथि 21 अक्टूबर तय की गई है। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि यह परियोजना 3 सालों के भीतर पूरी हो जाएगी। वैज्ञानिक परिणामों और समीक्षा समिति की सिफारिशों के आधार पर परियोजना को एक साल के लिए और बढ़ाया जा सकता है। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि ISRO की सभी परियोजनाओं की सलाना प्रगति की समीक्षा की जाएगी।