छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में संगीन अपराधों में लगातार इजाफा हो रहा है. इसमें हत्या, हत्या की कोशिश जैसी अपराधिक घटनाएं शामिल है. इसकी मूल वजह नशाखोरी मानी जा रहा है. दुर्ग जिला पुलिस नशे के खिलाफ कई अभियान चला रही है, लेकिन आंकडे बता रहे है कि प्रयासों के बावजूद भी घटनाएं रुक नहीं पा रही है. दुर्ग जिले में पिछले साल यानी 2024 में 61 हत्याएं हुई हैं, जो 3 साल की तुलना में करीब-करीब दोगुनी है. जिले में औसतन हर हफ्ते एक हत्या की वारदात सामने आई है. हालांकि 2025 में इसका ग्राफ कुछ कम हुआ है.
जुलाई 2025 तक 11 हत्याएं हुई है. इन हत्याओं की मुख्य वजह नशाखोरी सामने आई है. 75 प्रतिशत में हत्या की वजह नशा या उसी से जुड़ा कारण सामने आई है.
पुलिस ने चलाया नशे के खिलाफ अभियान
दुर्ग-भिलाई में पिछले 3 साल में 960 किलो गांजा, 406 ग्राम ब्राउन शुगर और 497 ग्राम हेरोइन जब्त हो चुकी है. बड़ी संख्या में युवा इसकी चपेट में आ रहे है. गांजा की सप्लाई ओडिशा और हेरोईन की सप्लाई मूल रूप से पंजाब जैसे प्रदेशों से हो रही है. जिला पुलिस की तमाम कोशिशों के बाद भी पिछले साल हत्या के प्रयास के प्रकरणों में इजाफा हुआ. साल 2024 में 119 प्रकरण दर्ज किए गए.
इसके चलते चाकू और कटबाजी के प्रकरणों में ढाई गुना ज्यादा इजाफा हुआ. इससे पहले साल 2023 में 47 और साल 2022 में 57 हत्या के इरादे से हमला करने वाले आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज हुए. दुर्ग एसपी विजय अग्रवाल का कहना है कि पुलिस लगातार यह प्रयास कर रही है कि अपराधिक घटनाओं को रोका जा सके. वहीं नशे के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है ताकि युवाओं को नशे से दूर रखा जा सके.