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“भारत से युद्ध हुआ तो पाक की तरफ से उतर पड़ेगा सऊदी अरब? शहबाज के मंत्री ने दिया जवाब”

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पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच रक्षा समझौता भारत के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है। दोनों देशों ने एक समझौते पर साइन किए हैं जिसमें कहा गया है कि किसी एक देश पर हमला दूसरे पर भी माना जाएगा।

जानकारों का कहना है कि भारत के लिहाज से यह समझौता बेहद अहम है। NATO के आर्टिकल 5 में भी इसी तरह का समझौता किया जाता है जो कि किसी एक देश पर हमले को पूरे समूह पर हमला मानता है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान ने सऊदी अरब से यह समझौता करके भारत के खिलाफ बड़ा दांव चला है। हालांकि पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इसपर गोलमोल जवाब दिया है।

पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने क्या दिया जवाब पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह आपसी सहयोग का समझौता है। उनसे जब पूछा गया कि अगर भारत पाकिस्तान पर हमला करता है तो क्या सऊदी अरब पाकिस्तान की तरफ से शामिल होगा? इसपर खावाजा आसिफ ने कहा, इसमें कोई शक नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी एक देश का नाम नहीं लिया गया है।

पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने कहा कि आक्रमण किसी पर भी हो और किसी भी तरफ से हो, जवाब मिलकर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह किसी तरह का आक्रामक समझौता नहीं बल्कि रक्षा के लिए किया गया समझौता है। बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच मई में तनाव चरम पर पहुंच गया था। भारत ने पहले पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। जब बौखलाया पाकिस्तान भारत पर हमले करने लगा तो कम से कम 11 एयरबेस को भारत ने भी निशाना बनाया। इसके बाद सऊदी अरब के साथ पाकिस्तान का यह समझौता भारत के लिए बेहद अहम है।

ख्वाजा आसिफ ने कहा, इस समझौते का इस्तेमाल किसी के खिलाफ आक्रामक रूप से नहीं किया जाएगा। लेकिन अगर किसी भी देश के लिए चुनौती खड़ी होती है तो मिलकर इसका सामना किया जाएगा। ख्वाजा आसिफ ने यहां तक कहा की पाकिस्तान के परमाणु हथियार भी सऊदी अरब के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होंगे।

सऊदी अरब के एक अधिकारी से जब इस बारे में सवाल किया गया तो उसने कहा कि यह एक तरह का मिलाजुला समझौता है जिसका मतलब केवल युद्ध नहीं बल्कि अन्य तरह के सहयोग भी हैं। बता दें कि इसी सप्ताह पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सऊदी अरब गए थे। इसी दौरान इस रक्षा समझौते पर साइन किए गए।

पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने यह भी संकेत दिया है कि रक्षा समझौते में दूसरे देश भी शामिल हो सकते हैं। जानकारों का कहना है कि सऊदी अरब पाकिस्तान के साथ मिलकर परमाणु हथियार के क्षेत्र में काम करना चाहता है। ऐसे में यह समझौता सऊदी अरब और पाकिस्तान दोनों के लिए अहम है। पाकिस्तान के पास पैसे की कमी है तो वहीं सऊदी अरब परमाणु हथियार संपन्न नहीं है। ऐसे में हो सकता है कि अरब के अन्य देश भी आगे इस समझौते का हिस्सा बन जाएं।