कोलकाता में सोमवार देर रात से मंगलवार सुबह हुई मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया। 24 घंटे से भी कम समय में 251.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो 1986 के बाद सबसे अधिक है।
इस प्रलयकारी बारिश के कारण कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से नौ की मौत बिजली का करंट लगने से हुई। भारी बारिश ने बाद पूरे शहर में जलभराव की समस्या हो गई। सड़कें दरिया बन गई। रेल ट्रैक भी बारिश के पानी में डूब गया। इससे यातायात व्यवस्था चरमरा गई। रिहायशी इलाकों में भी कमर तक पानी जमा हो गया। अब इस जलभराव के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यूपी-बिहार को जिम्मेदार ठहरा दिया। आईए जानतें हैं ममता बनर्जी ने क्या कहा?
दुर्गा पूजा से ठीक पहले शहर में जलजमाव की स्थिति ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दीं। भारी बारिश की वजह से हवाई, रेल और सड़क परिवहन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस आपदा के लिए केंद्र सरकार और पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश व बिहार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि फरक्का बैराज की ठीक से सफाई न होने के कारण हर बार यूपी और बिहार से आने वाला पानी कोलकाता में जलजमाव की स्थिति पैदा करता है।
यूपी-बिहार की वजह से कोलकाता में जलभराव-ममता राजधानी कोलकाता और उसके आसपास के इलाकों में मूसलाधार बारिश के कारण चारों तरफ हुए जलजमाव के मद्देनजर बंगाल सरकार ने बुधवार व गुरुवार को सरकारी स्कूलों में छुट्टी की घोषणा की है। भारी बारिश से महानगर व आसपास के जिलों में जनजीवन लगभग ठप हो गया है। इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि मैं मेयर, राज्य के मुख्य सचिव और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हूं। ममता ने कहा कि फरक्का बैराज की सफाई ठीक से नहीं हुई है, इसलिए हर बार जब बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मुंबई, दिल्ली, हर जगह बारिश होती है, तो जलभराव हो जाता है। इस बार बारिश थोड़ी असामान्य है।
मैंने जीवन में ऐसी बारिश पहले कभी नहीं देखी-ममता ममता बनर्जी ने आगे कहा यह भी कहा कि “मैंने अपने जीवन में ऐसी बारिश पहले कभी नहीं देखी। कोलकाता में आठ और उत्तर 24 परगना व दक्षिण 24 परगना में दो लोगों की करंट लगने से मौत हुई। यह बेहद दुखद है।” उन्होंने निजी बिजली कंपनी सीईएससी पर भी लापरवाही का आरोप लगाया और मांग की कि मृतकों के परिवारों को कम से कम पांच लाख रुपये का मुआवजा और नौकरी दी जाए। ममता ने कहा, सीईएससी को बिजली आपूर्ति की जिम्मेदारी लेनी होगी और तारों को सुरक्षित करना होगा।
दुर्गा पूजा से ठीक पहले हुई भारी बारिश के बाद हुए जलभराव पर मुख्यमंत्री ने कहा, “यह बारिश असामान्य है। हमारे घर भी जलमग्न हैं। मुझे दुर्गा पूजा पंडालों के लिए भी बहुत बुरा लग रहा है।” उन्होंने बताया कि वह महापौर, मुख्य सचिव और पुलिस के साथ लगातार संपर्क में हैं और स्थिति पर नजर रख रही हैं। ममता ने चेतावनी दी कि गंगा में पानी का स्तर बढ़ने से स्थिति और गंभीर हो सकती है।
जलभराव के लिए बंगाल प्रशासन जिम्मेदरार- सुवेंदु अधिकारी वहीं, पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने कोलकाता के कई इलाकों में भारी बारिश के बाद हुई तबाही पर कहा, इसके लिए सीधे तौर पर ममता बनर्जी का प्रशासन जिम्मेदार है। IMD की ओर से पहले ही सावधानी बरतने के लिए कहा गया था लेकिन उन्हें जो एहतियाती उपाय करने चाहिए थे वे नहीं किए गए। कोलकाता पुलिस, कोलकाता प्रशासन और CESC की लापरवाही के कारण कई लोगों की जान चली गई हमारे कई लोग मारे गए हैं और यह आंकड़ा बढ़ सकता है।
IMD ने भारी बारिश की दी थी चेतावनी IMD ने पहले ही सावधानी बरतने को कहा तब कुछ नहीं किया गया लेकिन ममता बनर्जी अब कह रही हैं कि यह स्थिति अचानक पैदा हुई है। हमारी मांग है कि जितने भी लोगों की मौत हुई है उन्हें CESC, राज्य सरकार और कोलकाता निगम की ओर से 1-1 करोड़ रुपये दिए जाने चाहिए, हर घर में नौकरी दी जानी चाहिए और तुरंत CESC के चेयरमैन, कोलकाता के मेयर और कोलकाता पुलिस के CP के खिलाफ गैर-जमानती FIR दर्ज की जानी चाहिए।